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Bangladesh updates: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन प्रधानमंत्री के इस्तीफे तक पहुंच गया. तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया है और आज की रात मोहम्मद यूनुस शपथ लेने वाले हैं. मोहम्मद यूनुस के शपथ की जानकारी बांग्लादेश की सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने दी है. लेकिन इस अंतरिम सरकार को लेकर कई संवैधानिक सवाल खड़े हो रहे हैं. बांग्लादेश की संविधान में अंतरिम सरकार की कोई व्यवस्था नहीं है. अब सवाल यह है कि क्या संविधान में संशोधन किया जाएगा ?
क्यों गठित हो रही है अंतरिम सरकार
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सेना अध्यक्ष ने देश को चलाने के लिए अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की. बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 57 में कहा गया है कि यदि प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है तो कैबिनेट के दूसरे मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और उप मंत्रियों का भी इस्तीफा माना जाता है. इसका मतलब है कि कैबिनेट भी भंग हो चुकी है. राजनीतिक दलों की मांग को देखते हुए राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को ही संसद भंग कर दिया था. अब इससे देश में अंतरिम सरकार का गठन करना और आसान हो गया. उधर छात्र नेताओं ने सेना प्रमुख से मुलाकात करके नई सरकार के प्रारूप पर चर्चा की. काफी सोच विचार के बाद यह निर्णय लिया गया कि अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस होंगे.
संवैधानिक संकट में बांग्लादेश
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के लिए कोई संवैधानिक ढांचा मौजूद नहीं है. इसमें केवल निर्वाचित सरकारों का ही जिक्र है. निर्वाचित सरकार के विकल्प के तौर पर कार्यवाहक सरकार का भी प्रावधान था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया था. बाद में संविधान में 15वे संशोधन के जरिए कार्यवाहक सरकार के प्रावधान को भी खत्म कर दिया गया था. शेख हसीना की सरकार ने 2009-2014 के कार्यकाल के दौरान इसे खत्म किया था. अब इस पर राजनीतिक विशेषज्ञों ने प्रश्न उठाया है कि अंतरिम सरकार का गठन कैसे होगा.
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