17.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 11:46 pm
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मेरी इच्छा है कि तुम योग्य किसान बनो

Advertisement

गांधी जी की चिट्ठी बेटे मणिलाल के नाम निराला बिदेसिया सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष चल रहा है. चंपारण सत्याग्रह किसानों को केंद्र में रखकर ही हुआ था. ढेरों बात हो रही है. सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष में ही किसानों और किसानी के मसले पर भी बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ है. अभी यह सिलसिला एक […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

गांधी जी की चिट्ठी बेटे मणिलाल के नाम

निराला बिदेसिया

सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष चल रहा है. चंपारण सत्याग्रह किसानों को केंद्र में रखकर ही हुआ था. ढेरों बात हो रही है. सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष में ही किसानों और किसानी के मसले पर भी बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ है. अभी यह सिलसिला एक साल चलता रहेगा. गांधी तो अभी अगले तीन साल तक इस बातचीत के केंद्र में रहनेवाले हैं. उत्सवधर्मिता के केंद्र में भी, क्योंकि 2018 में सत्याग्रह शताब्दी वर्ष का समापन होगा, तो फिर 2019 में गांधी की 150वीं जयंती का वर्ष आ जायेगा. बहरहाल, ऐसी बातों को छोड़ हम इस समय में एक चिट्ठी पढ़ सकते हैं. यह चिट्ठी सत्याग्रह शुरू होने के पहले का है. गांधी जब दक्षिण अफ्रीका में रह रहे थे, तब का. जब जेल में बंद थे, तब की चिट्ठी है. गांधी अफ्रीका में रंगभेद और नस्लभेद के खिलाफ आंदोलन चला रहे थे, लेकिन चंपारण आने से पहले भी किसान उनके मन में रहे.

गांधीजी द्वारा अपने पुत्र मणिलाल गांधी को पत्र लिखा गया था. आज के जमाने में जब शिक्षा के मायने बदल गये हैं, अधिक से अधिक इनसान को यांत्रिक बनाने की प्रक्रिया जारी है और जीवन का आधार समझी जानेवाली खेती हाशिये पर है, गांधी के इस पत्र को पढ़ना कई मायनों में प्रेरित करनेवाला है. गांधी ने अपने बेटे को शिक्षा, आचरण, कर्तव्य आदि के बारे में एक-एक कर समझाया था. उन्होंने स्पष्ट तौर पर अपनी मंशा व्यक्त की थी कि उनका बेटा किसान बने तो उन्हें खुशी होगी-

प्रीटोरिया जेल

25 मार्च, 1909

प्रिय पुत्र

प्रतिमास एक पत्र लिखने और एक पत्र प्राप्त करने और का अधिकार मुझे मिला है. अब मैं पत्र लिखूं किसे? मिस्टर रीच का, मिस्टर पोलक का और तुम्हारा खयाल मुझे बारी-बारी से आया, लेकिन मैंने तुम्हें ही लिखना पसंद किया, क्योंकि पढ़ने के समय मुझे तुम्हारा ही ध्यान बराबर रहता था. मेरे बारे में तुम जरा भी चिंता मत करना. विशेष कुछ कहने का अधिकार मुझे नहीं है.

मैं पूर्ण रूप से शांति में हूं. आशा है कि बा अच्छी हो गयी होंगी. मुझे मालूम है कि तुम्हारे पत्र यहां कुछ आये हैं, लेकिन वे मुझे नहीं दिये गये. फिर भी डिप्टी गवर्नर की उदारता से मुझे मालूम हुआ कि बा के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. क्या वे फिर से चलने-फिरने लगीं? बा और तुमलोग सबेरे दूध के साथ साबुदाना ले रहे होगे. और अब कुछ तुम्हारे बारे में कहना चाहूंगा. तुम कैसे हो? तुम पर जो जिम्मेवारी मैंने डाली है, तुम उसके सर्वथा योग्य हो और आनंद

से उसे निभा रहे होगे, मुझे ऐसी आशा है.

मैं जानता हूं कि तुम्हें अपनी शिक्षा के प्रति असंतोष है. जेल में मैंने यहां खूब पढ़ा है. इससे मैं यह समझा हूं कि केवल अक्षर ज्ञान ही शिक्षा नहीं है. सभी शिक्षा तो चरित्र निर्माण और कर्तव्य का बोध है. यदि यह दृष्टिकोण सही है तो मेरे विचार से बिल्कुल ठीक है, तो तुम सही शिक्षा प्राप्त कर रहे हो. आजकल तुम्हें अपनी बीमार मां की सेवा का अवसर मिला है.

रामदास और देवदास को भी तुम संभाल रहे हो. यदि यह काम अच्छी तरह और आनंद से तुम करते हो, तो तुम्हारी आधी शिक्षा तो इसी के द्वारा पूरी हो जाती है. संसार में तीन बातें बड़ी महत्वपूर्ण हैं, इसको प्राप्त कर तुम संसार के किसी भी कोने में जाओगे तो अपना निर्वाह कर सकोगे. ये तीन बातें हैं- अपनी आत्मा का, अपने आप का और ईश्वर का ज्ञान प्राप्त करना. इसका मतलब यह नहीं कि तुम्हें अक्षर ज्ञान नहीं मिलेगा, लेकिन तुम उसी की चिंता करो, यह मैं नहीं चाहता. इसके लिए तुम्हारे पास अभी बहुत समय है.

इतना तो याद रखना कि अब से हमें गरीबी में रहना है. जितना अधिक मैं विचार करता हूं, उतना ही मुझे लगता है कि गरीबी में ही सुख है. अमीरी की तुलना में गरीबी अधिक सुखद है. खेत में घास और गड्ढे खोदने में पूरा समय देना. भविष्य में अपना जीवन निर्वाह उसी से करना है. मेरी इच्छा है कि अपने परिवार में तुम एक योग्य किसान बनो. सभी औजारों को साफ और सुव्यवस्थित रखना. अक्षर ज्ञान में गणित और संस्कृत पर पूरा ध्यान देना. भविष्य में संस्कृत तुम्हारे लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी. ये दोनों विषय बड़ी उम्र में सीखना कठिन है. संगीत में भी बराबर रुचि रखना. हिंदी, गुजराती और अंगरेजी के चुने हुए भजनों एवं कविताओं का एक संग्रह तैयार करना चाहिए. वर्ष के अंत में तुम्हें अपना यह संग्रह बहुत मूल्यवान प्रतीत होगा. काम की अधिकता से मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए कि यह कैसे और पहले क्या करूं? शांत चित्त से विचारपूर्वक तुमने यदि सदगुणों को प्राप्त करने की चेष्टा की, तो वे तुम्हारे लिए बहुत उपयोगी, मूल्यवान प्रमाणित होंगे. तुमसे मुझे यही आशा है कि घर के लिए जो भी तुम खर्च करते होगे, उसका पैसे-पैसे का हिसाब रखते होगे.

मुझे यह भी आशा है कि तुम रोज शाम को नियमपूर्वक प्रार्थना करते होगे और रविवार को श्री वेस्ट के यहां भी प्रार्थना में जाते होगे. सूर्योदय से पहले प्रार्थना करना बहुत ही अच्छा है. प्रयत्नपूर्वक एवं निश्चित समय पर ही प्रार्थना करनी चाहिए. यह नियमितता तुम्हें अपने जीवन में आगे चलकर बहुत सहायक सिद्ध होगी. इस पत्र को पढ़कर अच्छी तरह समझ लेने के बाद मुझे जवाब देना. जवाब जितना लंबा चाहो, उतना लिख सकते हो.

अंत में मैं अपने प्रेम सहित यह पत्र समाप्त करता हूं.

तुम्हारा पिता

मोहनदास

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें