15.1 C
Ranchi
Friday, February 14, 2025 | 02:32 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड को इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा

Advertisement

झारखंड के पहले राज्यपाल प्रभात कुमार झारखंड के प्रथम राज्यपाल प्रभात कुमार रांची में हैं. उनका मानना है कि अभी झारखंड के लिए अच्छा मौका है. इससे बेहतर मौका राज्य को नहीं मिलेगा. इसका फायदा उठाने की जरूरत है. भारत सरकार में कैबिनेट सचिव का पद भी संभाल चुके प्रभात कुमार के पास विकास के […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

झारखंड के पहले राज्यपाल प्रभात कुमार
झारखंड के प्रथम राज्यपाल प्रभात कुमार रांची में हैं. उनका मानना है कि अभी झारखंड के लिए अच्छा मौका है. इससे बेहतर मौका राज्य को नहीं मिलेगा. इसका फायदा उठाने की जरूरत है. भारत सरकार में कैबिनेट सचिव का पद भी संभाल चुके प्रभात कुमार के पास विकास के लिए अपना नजरिया है. झारखंड के राज्यपाल रहते राज्य के विकास के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये थे. झारखंड से आज भी उनका लगाव है. प्रभात कुमार ने पिछले 16 साल में झारखंड की स्थिति, यहां के अधिकारियों और राज्य के लिए विकास के फॉरमूले पर प्रभात खबर के वरीय संवाददाता मनोज सिंह से लंबी बातचीत की. प्रस्तुत है इसके प्रमुख अंश:
झारखंड बने 16 साल हो गये, अब इसे आप कहां खड़ा देखते है?
काफी बदलाव हुआ है. करीब साढ़े तीन साल बाद यहां आ रहा हूं. पिछले तीन-चार साल में काफी बदलाव हुआ है, ऐसा देखने से लग रहा है. पिछले दो दिन में झारखंड के कई लोगों से मिला. यहां की सड़कें देखी.
अधिकारियों से बात की. आधारभूत संरचना काफी बनी है. सड़कें अच्छी हुई हैं. अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी कुछ हुआ है. बाजार में चहल-पहल दिख रही है. पहनावा-ओढ़ावा देख कर लगता है कि प्रोस्परिटी (समृद्धि) बढ़ी है. चेहरे पर मुस्कान दिख रही है. इससे अच्छा लग रहा है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या है, इसके बारे में तो बहुत जानकारी नहीं है. आकड़ों पर भी मैंने गौर नहीं किया है. लेकिन, यह सच है कि राज्य के लिए अच्छा मौका है. इससे अच्छा मौका आगे नहीं मिलेगा. इसका फायदा उठाना चाहिए.
अच्छा मौका का मतलब ?
केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार है. वातावरण अनुकूल है. राज्य के चीफ मिनिस्टर की छवि अच्छी है. अधिकारियों में उत्साह है. इसे मैंने कुछ अधिकारियों से बातचीत के दौरान महसूस किया है. पहले यह नजर नहीं आती थी. इसका फायदा उठाना चाहिए. भारत सरकार कई ऐसी योजनाएं चला रही है, जिसका फायदा झारखंड को अधिक हो सकता है. इससे झारखंड में आर्थिक और सामाजिक समृद्धि आ सकती है.
कौन सी योजना यहां के लिए बेहतर हो सकती है ?
भारत सरकार की दो योजनाएं यहां के लिए काफी बेहतर हो सकती हैं. मुद्रा योजना और स्किल मिशन योजना. दोनों मुझे काफी प्रभावित कर रही हैं. यह भविष्य सुधार सकती है. कौशल विकास मिशन से हम युवाओं की एक ताकत तैयार कर सकते हैं.
उन्हें काम के लिए सक्षम किया जा सकता है. इसके लिए बहुत पैसे का प्रावधान है. राज्य की जिम्मेदारी है कि वह इसे पंचायत से लेकर गांव तक जाये. हो सके तो गांव-गांव में सर्वे करे.
अच्छी स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ले. दूसरी योजना है मुद्रा योजना. यह सूक्ष्म उद्योगों के वित्त पोषण का काम करती है. बैंकों के माध्यम से यह काम हो रहा है. बैंक इसमें सहयोग भी कर रहे हैं. मैंने अपने कुछ आदमियों को यहां के कुछ बैंकों में भेजा था. कहा था कि मुद्रा योजना का आवेदन लेकर आयें. सभी बैंकों ने उत्साह से आवेदन दिया.
इससे लगता है कि बैंक सहयोग कर रहे हैं. इसमें किसी गारंटी की जरूरत नहीं है. केवल अच्छे प्रोजेक्ट के आधार पर लोन दिया जा रहा है. करीब साढ़े तीन करोड़ युवा इसका लाभ ले चुके हैं. अगर माने तो करीब 10 करोड़ लोगों की आजीविक का साधन है. पिछले 70 साल में एेसा नहीं हुआ था. झारखंड सरकार को दोनों को आपस में जोड़ना चाहिए. इससे यहां की बड़ी समस्या दूर हो जायेगी. पलायन रुक जायेगा. कौन अपने घर में काम नहीं चाहता है.
यह कैसे होगा ?
प्रदेश की सरकार को ऐसी स्थिति उत्पन्न करनी होगी. युवाओं को इसके महत्व की जानकारी देनी होगी. उन्हें बताना होगा कि सरकार आपके साथ हर कदम पर खड़ी है. पहले स्किल करना होगा. उन्हें वित्त पोषित करना होगा. इसमें नेता, सरकारी, गैर सरकारी के साथ-साथ अच्छी सिविल सोसाइटी का भी सहयोग लिया जा सकता है. मिल कर काम करने से राज्य को ही फायदा होगा.
इसका फोकस एरिया क्या होना चाहिए ?
निश्चित रूप से इसके लिए राज्य सरकार को फोकस एरिया पहचानना चाहिए. इसके लिए माइक्रो एनालिसिस (सूक्ष्म अध्ययन) की जरूरत है. हर ब्लॉक व गांव के लिए अलग-अलग प्राथमिकता हो सकती है. हर गांव के संसाधन का एनालिसिस होना चाहिए. इससे पता चलेगा कि युवाओं की रुचि किस ओर है. यहां तसर, कृषि, उद्यान कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनसे युवाओं को जोड़ा जा सकता है. झारक्राफ्ट जैसी संस्था अच्छा काम कर रही थी. इससे हजारों महिलाएं जुड़ी थी. आज की स्थिति नहीं मालूम.
क्या झारखंड की संस्कृति आपको आज भी आकर्षित करती है?
यहां की संस्कृति में काफी दम है. यह आज भी आकर्षित करती है. मौका लगता है, तो काम भी करता हूं. मैं फाउंडेशन ऑफ रूरल हेरिटेज नाम की संस्था से जुड़ा हूं. यह मलूटी को विकसित करने में सहयोग कर रही है. पूरा प्रोजेक्ट डिजाइन किया गया है. आगे भी अगर झारखंड की ग्रामीण संस्कृति को विकसित करने का मौका मिलेगा, तो जरूर सहयोग करूंगा.
तो अब तक राज्य क्यों पीछे रह गया ?
पॉलिटिकल विल (राजनीतिक इच्छा शक्ति) की कमी रही होगी. इससे विकास में अवरोध होता है. विकास के लिए सरकारी तंत्र का भ्रष्टाचार मुक्त होना जरूरी है. नैतिकता के साथ काम करने की जरूरत है. राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति थी. इस तरह के कई कारण रहे.
झारखंड के ब्यूरोक्रेट्स के बारे में क्या कहना है?
अधिकारियों की मानसिकता भी बदल रही है. इनको यह बताने की जरूरत है कि राष्ट्रहित, प्रदेश हित में काम करना है. वे मास्टर नहीं हैं. वे जनता के सेवक हैं. देश सेवा और जन सेवा ही उनका कर्म है. माइंडसेट (मानसिकता) और एटिच्यूड में बदलाव होना चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें