Bikru Kand: गैंगस्टर Vikas Dubey के करीबी अमर दुबे की पत्नी Khushi Dubey को कैसे मिली जमानत
यह जानते हुए भी कि स्मोकिंग जीवन के लिए नुकसानदेह है, लोग धड़ल्ले से इसका सेवन करते हैं. किसी भी चेतावनी पर आंख मूंद लेते हैं. मगर इस तरह आप न सिर्फ खुद को, बल्कि अपनों का जीवन भी हर कस के साथ खतरे में डाल रहे हैं. कई रिसर्चों में यह बात सामने आयी है कि एक्टिव या पैसिव स्मोकिंग से इन्फर्टिलिटी का भी जबरदस्त खतरा होता है. इसी के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्ल्ड नो टोबैको डे प्रति वर्ष मनाया जाता है. इससे जुड़े अहम पहलुओं पर हमारे एक्सपर्ट दे रहे हैं खास जानकारी.
हाल के वर्षों में बांझपन के मामले काफी बढ़े हैं. बांझपन के कई कारण होते हैं. जीवनशैली में बदलाव को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है, जिसमें एक प्रमुख कारण धूम्रपान भी है. यह कैसे प्रभावित करता है इसे समझने के लिए महिला के गर्भधारण के बारे में जानकारी जरूरी है. 27 वर्ष से कम उम्र की सेहतमंद युवा महिला के लिए गर्भधारण की संभावना माह-दर-माह केवल 50:50 ही होती है.
30 वर्ष की आयु में यह संभावना कम हो जाती है और गर्भधारण की केवल 20% संभावना ही बची रह जाती है. 40 वर्ष में गर्भधारण की संभावना केवल 5% रह जाती हैं. लगभग 20% महिलाएं 35 वर्ष की आयु तक गर्भधारण का इंतजार करती हैं और 15 से 44 वर्ष की आयु के बीच लगभग 10% महिलाओं को इनफर्टिलिटी की शिकायत होती है. इसलिए गर्भधारण की संभावना बढ़ानेवाले तत्वों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है. धूम्रपान करने से गर्भावस्था के दौरान गर्भ पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.
यहां इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि न सिर्फ धूम्रपान करनेवाली बल्कि सेकेंड हैंड स्मोकर यानी धूम्रपान के लगातार संपर्क में आनेवाली महिलाओं को भी नुकसान पहुंचता है. हाल के कई वैज्ञानिक अध्ययनों में भी इस बात की पुष्टि की गयी है कि धूम्रपान करने से अंडकोषों को नुकसान पहुंचता है. इसके साथ ही अंडों की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुंचता है एवं समय से पहले मेनोपॉज ला सकता है. जब धूम्रपान करनेवाली महिलाओं का आइवीएफ किया जाता है, तो उनमें फॉलिकिल्स व बचे हुए अंडों की कम संख्या पायी जाती है. अंडों के फर्टिलाइजेशन की दर भी घट जाती है, जिससे उनमें गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है. अमेरिकन सोसायटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उन्हें गर्भधारण करने के लिए धूम्रपान न करनेवाली महिलाओं के मुकाबले दोगुने आइवीएफ के प्रयास करने पड़ते हैं. ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि धूम्रपान करनेवालों में गर्भधारण की दर में 40% की कमी आ जाती है. ऐसा देखा गया है कि धूम्रपान महिलाओं के अंडों को अस्थिर बनाने की दर बढ़ाता है, जिससे गर्भधारण की क्षमतावाले साल भी कम हो जाते हैं. सामान्यत: महिला 40 वर्ष तक गर्भधारण कर सकती है, लेिकन यह घट सकती है. गर्भधारण हो भी जाये, तो कम वजन के शिशु को जन्म देने का खतरा बना रहता है. इसके कारण शिशु का जन्म समय से पहले भी हो सकता है. शिशु का मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है.