21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 11:32 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

महाराष्ट्र : आनेवाले दिनों में शरद पवार का रुख दिलचस्प

Advertisement

एनके सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सैकड़ों साल पहले भर्तृहरि द्वारा नीतिशतक में लिखा है- ‘वारांगनेव नृपनीतिरनेक रूपा’ (तवायफ की भांति ही राजनीति के भी अनेक रूप होते हैं). यह बात आज भी उसी तरह हर रोज सही सिद्ध हो रहा है. महाराष्ट्र में अचानक घटनाक्रम का यू-टर्न लेना और रातों-रात एनसीपी नेता शरद पवार का भाजपा […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

एनके सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

सैकड़ों साल पहले भर्तृहरि द्वारा नीतिशतक में लिखा है- ‘वारांगनेव नृपनीतिरनेक रूपा’ (तवायफ की भांति ही राजनीति के भी अनेक रूप होते हैं). यह बात आज भी उसी तरह हर रोज सही सिद्ध हो रहा है.

- Advertisement -

महाराष्ट्र में अचानक घटनाक्रम का यू-टर्न लेना और रातों-रात एनसीपी नेता शरद पवार का भाजपा से मिलना और कुछ ही घंटों में राज्यपाल द्वारा भाजपा के फड़णवीस को फिर मुख्यमंत्री की शपथ दिलाना और पवार के भतीजे अजीत पवार को उप-मुख्यमंत्री बनाना, किसी थ्रिलर फिल्म की तरह है. लेकिन न तो पवार गलत थे, न हीं भाजपा का ‘शीर्ष नेतृत्व’. गलत तो हम विश्लेषक थे, जो पवार के अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और उसके बाद उस मुलाकात को ‘बस किसानों के मसले पर बातचीत’ बताने से गुमराह हो गये. पवार का इतिहास जानने के बाद और महाराष्ट्र में उनकी राजनीति का आकलन करने के बाद मोदी से मुलाकात को विश्लेषण में सर्वोपरि स्थान न देने से हम गलत हो गये.

भाजपा कुतर्क जरूर कर रही है यह कह कर कि जनता ने तो भाजपा को शिवसेना के साथ सरकार बनाने का जनमत दिया था, लेकिन शिवसेना ने जनता के साथ धोखा किया. भाजपा यह भूल गयी कि 2015 में जनमत तो बिहार में भी नीतीश और लालू को मिला और साथ ही वह जनमत भाजपा के खिलाफ भी था, तो फिर वही भाजपा आज िबहार की सत्ता में किस नैतिक आधार पर काबिज है?

इस पूरे खेल में सबसे ज्यादा फायदा भाजपा का और सबसे बड़ा नुकसान शिवसेना का (और दूसरे नंबर पर कांग्रेस का) हुआ. शिवसेना अपनी आक्रामक हिंदुत्व और कुछ हद तक मराठावाद के लिए जानी जाती थी.

पवार की राजनीति कभी भी हिंदू-विरोधी नहीं रही है और उनकी राजनीति मराठा-किसान (खासकर गन्ना किसान) नेता की रही थी. आनेवाले दिनों में पवार की राजनीति में थोड़ा बदलाव आयेगा और वह नीतीश कुमार की तरह सत्ता में तो भाजपा के साथ रहेंगे, लेकिन हर दूसरे दिन मुसलमानों के अधिकारों और किसान के कल्याण की बात कर यह संदेश देना चाहेंगे कि वह सत्ता के पास भी हैं और दूर भी. इसका लाभ उन्हें यह होगा कि जब चाहेंगे, किसानों के नाम पर भाजपा को ब्लैकमेल करेंगे और फिर कभी भी सरकार से अलग हो सकेंगे. मुसलमान विकल्पहीनता के कारण पवार का दामन थामेगा और किसान भी उनसे खुश रहेगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें