24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 05:13 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

निर्वाचित होने के बाद बोले मैं राष्ट्रपति भवन में गरीबों का प्रतिनिधि

Advertisement

14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद रामनाथ कोविंद ने परौख गांव की सामान्य जिंदगी से निकल कर राष्ट्र के प्रथम नागरिक बनने तक के सफर को जिस भावुकता के साथ बताया, सही मायने में यही भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती और महानता का परिचायक है. मिट्टी की दीवारों और फूस की झोपड़ी के […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद रामनाथ कोविंद ने परौख गांव की सामान्य जिंदगी से निकल कर राष्ट्र के प्रथम नागरिक बनने तक के सफर को जिस भावुकता के साथ बताया, सही मायने में यही भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती और महानता का परिचायक है.
मिट्टी की दीवारों और फूस की झोपड़ी के नीचे बारिश में भीग जाने की कहानी को बताते हुए उन्होंने समाज में पीछे रह गये लोगों को भी याद किया. रामनाथ कोविंद के हाथों में अब राष्ट्रपति के रूप में संविधान की रक्षा और मर्यादा बनाये रखने की सबसे बड़ी जिम्मेवारी है. बेहतर भविष्य और सवा अरब की आबादी की आकांक्षाओं पर खरा उतरने की शुभकामनाओं के साथ विशेष प्रस्तुति…
झोपड़ी से रायसीना हिल तक का सफर
नयी दिल्ली : देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद रामनाथ कोविंद ने कहा है कि वह सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना से काम करेंगे. उन्होंने संविधान की रक्षा और मर्यादा बनाये रखने का भरोसा दिया. कोविंद ने संक्षिप्त और भावुक भाषण में मीरा कुमार को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और गरीबी में बिताये अपने बचपन को भी याद किया.
अपनी जीत की औपचारिक घोषणा के बाद कोविंद मीडिया के सामने आये. उन्होंने कहा, आज सुबह से दिल्ली में बारिश हो रही है. यह बारिश मुझे मेरे बचपन की याद दिला रही है. मैं अपने पैतृक गांव में रहता था. घर कच्चा था.
मिट्टी की दीवारें थीं. फूस की छत थी, जिससे पानी टपकता था. उस वक्त हम सब भाई-बहन दीवार के सहारे खड़े होकर बारिश रुकने का इंतजार करते थे. आज देश में कितने रामनाथ कोविंद होंगे, जो खेत में काम कर रहे होंगे और पसीना बहा रहे होंगे. मुझे उन लोगों से कहना है कि परौंख गांव का रामनाथ कोविंद उन्हीं का प्रतिनिधि बन कर जा रहा है. मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि मैं संविधान की रक्षा करूंगा.
रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद पर अपने चयन को भारतीय लोकतंत्र की महानता बताया. उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जिम्मेदारी दिया जाना देश के ऐसे हर व्यक्ति के लिए संदेश भी है, जो ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ अपना काम करता है.
इस पद पर चुना जाना ना मैंने कभी सोचा था, ना ही ही मेरा लक्ष्य था, लेकिन अपने समाज और देश के लिए अथक सेवा भाव मुझे यहां तक ले आया है. यही सेवा भाव हमारे देश की परंपरा भी है. संविधान की रक्षा और संविधान की मर्यादा को बनाये रखना मेरा कर्तव्य है. कोविंद ने अपने पक्ष में मतदान करने वाले जनप्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपतियों के आदर्शों को भी याद किया.
नये राष्ट्रपति की बड़ी जिम्मेवारी और चुनौतियां
मनीषा प्रियम
राजनीतिक विश्लेषक
रामनाथ कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं. उनके राष्ट्रपति बनने से यह दिखता है कि दलित और दबे-कुचले की आवाज पर आधारित दार्शनिक चिंतन एक तरह से राजनीति की मुख्यधारा में आया है.
पहली बार भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध एक राजनीतिक कार्यकर्ता भारत के राष्ट्रपति के रूप में चयनित हुआ है, लेकिन रामनाथ कोविंद अब न तो केवल अपने समुदाय के नेता रहेंगे और न ही किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि.
उनके सामने अब अनेक संवैधानिक जिम्मेवारियां और राजनीतिक चुनौतियां आनेवाली हैं. मुख्य बात यह है कि भारत की अनेक दबी-कुचली जातियां और हाशिये पर के लोग अब राजनीति की मुख्यधारा में अपना हिस्सा मांगते हैं. इसलिए कहीं-न-कहीं भारतीय राजनीति को यह प्रदर्शित करना होगा कि भारत में हाशिये का नागरिक अब कोई नहीं. विशेष रूप से भारतीय राजनीति अब किसी भी व्यक्ति को किसी भी शीर्ष पद पर आसीन कर सकती है.
इन सबसे परे, रामनाथ कोविंद को यह सिद्ध करना होगा कि वह किसी दल, राजनीतिक और सामुदायिक पक्षपात से ऊपर हैं. सर्वजन हिताय की क्या परिभाषा वह सामने लायेंगे, इस पर भी सबकी निगाह टिकी रहेगी.
खास करके यह बात कि क्या भारत में अल्पसंख्यकों या दलितों का हित संवैधानिक रूप से नागरिक अधिकार के रूप में संरक्षित रहेगा? अगर राष्ट्रपति भवन के ऊंचे पटल से वे नागरिकों का सीधे संबोधन करते हैं, तो उनकी बात भारत में भय-मुक्त समाज की संरचना करने में बहुत सार्थक साबित होगी.
दूसरी गहरी बात यह है कि जीएसटी के जरिये पहली बार भारत में एक एकीकृत आर्थिक व्यवस्था को सुधारने की कोशिश की गयी है. चूंकि यह कोशिश नायाब है, इसलिए बदलाव की नियति कठिनाई भरी है.
यूं तो अमूमन इन कठिनाइयों को सुलझाने के लिए एक काउंसिल है, लेकिन राज्यों के पक्ष को संघ में बराबर की दलील का दर्जा देने और आर्थिक कठिनाइयों को हल करने आदि पर रायसीना हिल की एक खिड़की से कोविंद अगर बराबर अपनी नजर बनाये रखेंगे, तो बहुत ही बेहतर होगा. घरेलू बातों में एक और मुद्दा यह है कि आगे के कुछ वर्षों में भारत विश्व का सबसे बड़ा युवा आबादी वाला राष्ट्र बनेगा. तब चुनौती यह होगी कि क्या भारत के युवाओं में एक लोक छवि लेकर कोविंद उभर सकेंगे? उनकी चुनौतियां सिर्फ घरेलू ही नहीं हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन और पाकिस्तान अक्सर संकट के बादल का रूप अख्तियार कर लेते हैं. ऐसे में क्या राष्ट्रपति, जो तीनों सेनाओं का मुखिया होता है, भारत के नये संकट मोचक बन पायेंगे, इस पर भी नजर बनी रहेगी. कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि उनके लिए यक्ष प्रश्न यह रहेगा कि राजनीतिक, धार्मिक और सामुदायिक पक्षपात से ऊपर उठ कर नये समय में वह भारत में एक लोकप्रिय छवि वाले राष्ट्रपति बन पायेंगे या नहीं?
वकील से बने राजनेता
– रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्तूबर, 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ. उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम और एलएलबी की डिग्री ली. दिल्ली हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट मे वकालत की. – 1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गये और 12 साल तक यानी दो बार राज्यसभा सांसद रहे.
– 2015 में बिहार के राज्यपाल बने. 30 मई, 1974 को सविता कोविंद से शादी हुई. उनकी दो संतानें हैं, बेटे प्रशांत व बेटी स्वाति.
– 2002 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था.
भाजपा के सदस्यों, एनडीए परिवार, अन्य दलों और नेताओं का धन्यवाद, जिन्होंने रामनाथ कोविंद का समर्थन किया. यह कोविंद जी की जीत ऐतिहासिक है. उन्हें बहुत-बहुत बधाई.
अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी.
भारत का राष्ट्रपति चुने जाने पर बहुत-बहुत बधाई रामनाथ कोविंद जी. देश के राष्ट्रपति के रूप में आप के बेहतरीन कार्यकाल के लिए हम सभी की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
राहुल गांधी, उपाध्यक्ष, कांग्रेस.
रामनाथ कोविंद जी को देश का अगला राष्ट्रपति निर्वाचित होने की बधाई. कोविंद जी बहुलवाद जैसे मूल्यों की रक्षा के लिए दृढ़ रहेंगे, हम उनसे ऐसी अपेक्षा करते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं.
एम के स्टालिन, अध्यक्ष, द्रमुक
परौंख में घी के दीये जले, देश में जश्न
कानपुर : रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति चुने जाने पर उनके पैतृक गांव परौंख से लेकर दिल्ली स्थित उनके आवास तक जश्न का माहौल है. परौंख स्थित उनके घर में घी के दिये जलाये गये, मिठाइयां बांटी गयीं और अबीर-गुलाल उडये गये. वहीं, मुंबई तथा दूसरे शहरों में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और दफ्तर के बाहर आतिशबाजी की. कोविंद के भाई शिव बालक राम कोविंद की बेटी हेमलता कोविंद ने कहा, हमें उम्मीद थी कि चाचा जी चुनाव जीतेंगे. घरभर के लोग सुबह से ही ढोल की ताल पर नाच गा रहे थे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें