राजधानी रांची की रामनवमी शोभायात्रा हजारीबाग से प्रेरित है. झंडा चौक हजारीबाग में 1924 से महावीर पताका निकालने की परंपरा कायम है. इस शोभायात्रा में रांचीवासी भी शामिल होते थे. लगातार पांच वर्षों तक हजारीबाग की रामनवमी का गवाह बनने के बाद उस दौर के नामचीन व्यवसायियों ने रांची में भी शोभायात्रा निकालने का निर्णय लिया. फिर 1929 में पहली बार महावीर चौक से रामनवमी शोभायात्रा की शुरुआत हुई. पहली शोभायात्रा सिर्फ पांच लोगों की अगुवाई में निकाली गयी. यह पहल महावीर चौक, अपर बाजार के डॉ. रामकृष्ण लाल और उनके भाई कृष्ण लाल ने की. दोनों भाइयों का साथ तीन दोस्त जगन्नाथ साहू, गुलाब नारायण तिवारी और लक्ष्मण राम मोची ने दिया. पहली शोभायात्रा में आस-पास के 40-50 लोग शामिल हुए और तपोवन मंदिर तक महावीर पताका लेकर गये.