छपरा: 1935 में स्थापित हुई छपरा शहर की श्रीनंदन लाइब्रेरी को प्रमंडलीय पुस्तकालय का दर्जा मिला हुआ है. यहां लगभग 38 हजार किताबें मौजूद हैं. यहां 1970 से अबतक के प्रमुख हिंदी व अंग्रेजी अखबारों का संकलन है. वर्ष 1936 का सर्चलाइट अखबार भी इस लाइब्रेरी में उपलब्ध है. महज 10 रुपये मासिक शुल्क देकर कोई भी यहां आकर पढ़ सकता है. हालांकि वर्ष 2017 के बाद अब तक यहां नयी किताबें नहीं खरीदी गयी हैं. पुस्तकालय की देखरेख के लिए एक प्रभारी पुस्तकालयाध्यक्ष व एक सहायक उपलब्ध हैं, लेकिन लाइब्रेरी भवन का मेंटेनेंस नहीं होना व अलमारी के अभाव में कई पुस्तकों के अस्तित्व को बचा पाना मुश्किल हो रहा है. लाइब्रेरी में अध्यात्म, उपन्यास, कहानी समेत हिंदी, अंग्रेजी भाषा में कई साहित्यकारों की किताबें मौजूद हैं. वहीं प्रतिदिन सभी दैनिक अखबारों को मंगाया जाता है. प्रतियोगिता परीक्षा से जुड़ी मैगजीन भी मंगायी जा रही है. यहां एक साथ 50 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था उपलब्ध है, लेकिन लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए प्रतिदिन मुश्किल से 10-15 लोग ही आते हैं. जिनमें से अधिकतर अखबार पढ़ने के उद्देश्य से आते हैं.