जब अंग्रेजी हुकूमत अपने जुल्मों से चंपारण के लोगों का सीना छलनी कर रही थी उस समय एक ऐसे किसान का उदय हुआ जिसकी जिद ने मोहनदास करमचंद गांधी को चंपारण आने को विवश किया. यहीं से इतिहास ने करवट ली. चंपारण आकर ही मोहनदास महात्मा बनें. दुनिया के लोगों ने चंपारण को जाना और बापू ने सत्याग्रह सरीखा अस्त्र चलाकर अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी. बापू को महात्मा बनाने वाले पंडित राजकुमार शुक्ल की यादों को सहेजने में हम कितने कामयाब हुए यह उनकी कर्मभूमि रहे मुरली भरहवा गांव में जाने पर पता चलता है.