लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्ता और विपक्ष में तकरार थमता नहीं दिख रहा है. एनडीए की तरफ से ओम बिरला के स्पीकर के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद अब विपक्ष से के सुरेश ने भी स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है. चर्चा थी कि इंडिया गठबंधन स्पीकर पद क लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा. लेकिन अब पहली बार इस पद के लिए चुनाव का आयोजन किया जायेगा. आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि इस पद के लिए चुनाव प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इससे पहले पारंपरिक रूप से आपसी सहमति से ही अध्यक्ष का चुनाव होता रहा है. अब तक के इतिहास में अध्यक्ष पक्ष सत्ताधारी पार्टी का रहा है और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता रहा है. हालांकि, पिछली सरकार में उपाध्यक्ष पद खाली रहा था. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि किस तरह से स्पीकर पद के लिए चुनाव आयोजित किया जायेगा. प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है. सरकार और विपक्ष मिलकर स्पीकर के लिए उम्मीदवार का नाम घोषित करते हैं. उसके बाद प्रधानमंत्री या संसदीय कार्य मंत्री उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव करते हैं. अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार होते हैं तो फिर बारी-बारी से प्रस्ताव रखा जाता है और जरूरत पड़ने पर वोटिंग भी कराई जाती है. आखिरी में जिसके नाम का प्रस्ताव मंजूर होता है उसे स्पीकर चुन लिया जाता है.