Jharkhand Assembly Election2024: आज हम संताल परगना के बोरियो विधानसभा(Borio Vidhan Sabha) की बात कर रहे हैं. बात इसलिए क्योंकि इस सीट पर पिछले चार दशकों से झामुमो के साथ रिश्ता रखने वालें लोबिन हेम्ब्रम ने राजनीतिक बग़ावत कर दी है और यह सीट खास बन गई. 1957 से 2019 तक बोरियो ने 15 विधानसभा के चुनाव देखें. साहिबगंज जिला का यह विधानसभा, शायद ही विकास के 15 कदम चला हो. यह क्षेत्र विकास में पीछे छूटते रहा, यहां के सवाल इसके जंगल में ही भटकते रहे, पहाड़ों से टकरा कर फिर वही सवाल अगले चुनाव में खड़े होते रहे. बहरहाल बोरियो के राजनीतिक इतिहास पर नजर डाले तो 1557 में पहला चुनाव हुआ. 57 में जेठा किस्कू पहले विधायक बने. 1962 के चुनाव में झारखंड पार्टी से सिंहराय मुर्मू की जीत हुई. 1967 के चुनाव में फिर जेठा किस्कू स्वतंत्र पार्टी से चुनाव जीत गये. 1969-72 का चुनाव सेठ हेम्ब्रम जीते. 1977 में जनता पार्टी की हवा में बेंजामिन मुर्मू चुनाव जीते. 80 और 85 का चुनाव Congress जीती. वर्ष 1990 में लोबिन हेम्ब्रम ने यहां की राजनीत में दस्तक दी और वह लगातार तीन चुनाव जीते. राज्य गठन यानी 2000 के बाद यहां भाजपा की एंट्री हुई. 2005 और 2014 में विधानसभा का चुनाव भाजपा के ताला मरांडी ने जीता. बोरियो इस राजनीतिक रास्ते से चलता हुआ 2024 के चुनाव में एक नयी सियासी कहानी के साथ खड़ा है. अब साख की लड़ाई हो गई है, बोरियो का चुनाव परिणाम संताल की राजनीति लिटमस टेस्ट होगा.