पश्चिम बंगाल के तृणमूल पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के बारे में खुलकर बात की. अभिषेक बनर्जी का कहना है कि महुआ मोइत्रा अपनी लड़ाई अकेले लड़ सकती है. इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे कई बीजेपी सांसद हैं जिनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दायर किया गया है, लेकिन अभी तक उनमें से किसी की भी सुनवाई नहीं हुई है. यह कहते हुए अभिषेक ने बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा नए संसद भवन में सत्र बुलाए जाने पर बीजेपी सांसद ररमेश बिधूड़ी ने जिस निंदनीय भाषा का इस्तेमाल किया, उससे संसद की गरिमा खत्म नहीं हुई है. अभिषेक ने सवाल किया कि बीजेपी के कई सांसदों पर अधिकारों के हनन का आरोप है, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाती.

कोई सरकार के खिलाफ लड़ना चाहे तो उन्हें किया जाता है परेशान

अभिषेक बनर्जी ने कहा अगर कोई सरकार के खिलाफ लड़ता है या सरकार की भूमिका पर सवाल उठाता है, अडानी पर सवाल उठाता है तो कैसे उन्हें सांसद पद से हटाने की कोशिश की जाती है. एथिक्स कमेटी का जो ‘असहमति नोट’ उनके पास आया है उसमें उस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा अगर कुछ हुआ है तो इसकी जांच करें. यदि कुछ नहीं तो निष्कासन का प्रस्ताव क्यों किया गया, जबकि मामला जांचाधीन है. इसके बाद अभिषेक ने कहा महुआ अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती है.

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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बृहस्पतिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया कि एक निजी समाचार चैनल ने उनसे जुड़े मामले पर संसदीय समिति की गोपनीय मसौदा रिपोर्ट हासिल की है जो ‘‘विशेषाधिकार का घोर उल्लंघन’’ है. मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर इस पत्र की एक प्रति साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘‘माननीय लोकसभा अध्यक्ष को लिखे मेरे पिछले पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है, लेकिन फिर भी मैं इसे रिकॉर्ड पर रख रही हूं.उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा की सभी प्रक्रिया और नियम पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं. आपकी निष्क्रियता और मेरी पिछली शिकायतों पर प्रतिक्रिया की कमी भी दुर्भाग्यपूर्ण है.