पश्चिम बंगाल के नये राज्यपाल के तौर पर डॉ सीवी आनंद बोस ने बुधवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राज्यपाल को शपथ दिलायी. इस दौरान राज्य के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को भी वहां आमंत्रित किया गया था. लेकिन वह राज्यपाल के शपथ समारोह में शामिल नहीं हुए. राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाने की बात शुभेंदु ने ट्विटर पर कही. उनका कहना है कि उन्हें भाजपा छोड़कर तृणमूल जनप्रतिनिधियों के बगल वाली सीट दी गई थी. इसलिए वे राज्य के नए राज्यपाल सीवी आनंद बोस के शपथ ग्रहण समारोह से अनुपस्थित रहे. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की है. उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे पर संवाददाता सम्मेलन भी किया.

राजनीतिक बदला लेने के लिये किया गया अपमान 

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि राजभवन में उनको बैठने के लिये उचित सीट नहीं दिया गया इस वजह से वह शपथ समारोह में शामिल नहीं हुए . ऐसे में तृणमूल पर बिफरे शुभेंदु ने कहा कि राजनीतिक बदला लेने के लिए उनका अपमान किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि वह विपक्षी दल के नेता पद से कोई समझौता नहीं करते है. मैं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल ना हो सकूं इसके लिये तृणमूल ने साजिश की है.

सीट विवाद पर तृणमूल ने भी भाजपा पर किया पलटवार

शुभेंदु के हमले का तृणमूल ने करारा जवाब दिया है. तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने ट्वीट किया है कि राज्यपाल की शपथ में शामिल नहीं होने का कारण है कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामना नहीं कर सकते है. इसलिए वह नाटक कर रहे है. सीबीआई और ईडी से बचने के लिये वह भाजपा में शामिल हुए है. अब राज्यपाल के सामने विरोधी दल को गलत ठहराने का प्रयास कर रहे है. शुभेंदु को नाटक करने की आदत हो गई है.