कानपुर में निर्मित खास पैराशूट युद्ध के दौरान बनेगा सेना का रक्षा कवच, आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
भारतीय सेना की जरूरत के मद्देनजर स्वदेशी तकनीक से निर्मित खास पैराशूट युद्ध या मुसीबत के दौरान बेहद मददगार साबित होगा. इसे कानपुर में स्थित ऑर्डिनेंस पैराशूट फैक्टरी ने तैयार किया है. रक्षा क्षेत्र के लिहाज से ये बड़ी उपलब्धि बताई जा रही है.
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Kanpur: प्रदेश के कानपुर में स्थित ऑर्डिनेंस पैराशूट फैक्टरी (OPF) ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यहां युद्ध और विषम परिस्थितियों के मद्देनजर एक खास तरह का पैराशूट डिजाइन किया गया है, जो परीक्षण में पूरी तरह मानकों पर पूरी तरह खरा उतरा है.
इसके इस्तेमाल के बाद समुद्री तट से 2000 किलोमीटर की दूरी पर तैनात जहाजों को विषम परिस्थितियों में रसद जुटाने, पुर्जों और भंडार को प्राप्त करने के लिए तट के करीब नहीं आना पड़ेगा. इससे उनका काम आसान हो जाएगा और समय भी कम लगेगा. डीआरडीओ द्वारा विकसित स्वदेशी एयर ड्रापेबल कंटेनर और कानपुर में निर्मित पैराशूट के जरिए इस पूरे काम को अंजाम दिया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक मानकों के मुताबिक परीक्षण के दौरान हेलीकाप्टर से 150 किलोग्राम भार क्षमता वाले कंटेनर को पैराशूट में बांधकर 1000 मीटर तक की ऊंचाई से छोड़ा गया. इस दौरान पैराशूट सिस्टम हवा के दवाब को नियंत्रित करते हुए कंटेनर को आसानी से उतारने में सफल रहा. ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय कुमार तिवारी के निर्देशन में ओपीएफ के इंजीनियरों ने स्वदेशी पैराशूट तैयार करके डीआरडीओ को दिए थे.
अब युद्ध के दौरान या किसी अन्य परिस्थितियों में पैराशूट के जरिए वाटरप्रूफ कंटेनर को समुद्र तट से 2000 किमी से अधिक दूरी पर तैनात जहाजों को कम समय में राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी. खास बात है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में देश की एकमात्र ऑर्डिनेंस पैराशूट फैक्टरी ने इस तरह एक और कदम बढ़ाया है.
वहीं अगर स्वेदशी तकनीक से विकसित एयर ड्रापेबल कंटेनर एडीसी-150 बात करें तो इसे डीआरडीओ की तीन लैब नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) विशाखापत्तनम, एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (एडीआरडीई) आगरा और वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) बेंगलुरु ने मिलकर बनाया है. डीआरडीओ और भारतीय नौसेना गोवा के तट से आइएल 38 एसडी विमान से एडीसी-150 का पहला सफल परीक्षण कर चुकी है.
ओपीएफ के महाप्रबंधक बाला सुब्रमण्यम के मुताबिक डीआरडीओ ने एयर ड्रापेबल कटेंनर 150 विकसित किया है. इस कंटेनर को समुद्र के बीच जहाज पर उतारने के लिए विशेष प्रकार के पैराशूट की जरूरत थी. डीआरडीओ ने इसकी मांग की, जिसके आधार पर पैराशूट बनाकर दिए गए थे. जो परीक्षण में मानकों पर पूरी तरह से खरे उतरे हैं.
ऑर्डिनेंस पैराशूट फैक्टरी को एयरोस्पेस के क्षेत्र में उत्कृष्ट उत्पादों के निर्माण के लिए एएस 9100डी का अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेट मिला है. ये सर्टिफिकेट एविएशन और रक्षा क्षेत्रों के लिए अत्यन्त नवीन मानकों के आधार पर डिजाइन व विकास करने वाले संस्थानों को प्रदान किया जाता है.
ये मानक अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस क्वालिटी ग्रुप (आईएक्यूजी) द्वारा विविध एयरोस्पेस संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों की मदद से तैयार किए जाते हैं. यह सर्टिफिकेट उत्कृष्टता के क्षेत्र में वैश्विक मान्यता भी प्रदान करता है.