Shadi ke Upay: सनातन धर्म में 16 संस्कार बताया गया है, जिसमे से विवाह को सबसे पवित्र और शुभ कर्म कांड माना गया है. शादी-विवाह समेत सभी शुभ कार्य में उत्सव जैसा माहौल रहता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सनातन धर्म में विवाह के 8 प्रकार हैं. इनमें ब्रह्म विवाह, देव विवाह, आर्ष विवाह और प्राजापत्य विवाह को उत्तम माना गया है. वर्तमान समय में ब्रह्म विवाह को अरेंज मैरिज कहा जाता है. इस विवाह में लड़का और लड़की दोनों सहमत होकर माता-पिता की मर्जी से विवाह करते हैं. वहीं, गंधर्व विवाह को प्रेम विवाह कह सकते हैं. इसमें लड़का और लड़की प्रकृति को साक्षी मानकर विवाह करते हैं. वर्तमान समय में गंधर्व विवाह यानी प्रेम विवाह काफी तेजी से प्रचालन में आ रहे है. इस विवाह में लड़का और लड़की एक-दूसरे को पसंद करते हैं. दोनों एक दूसरे को जानते और पहचानते हैं. हालांकि, कभी-कभार माता-पिता की सहमति न मिलने पर लव मैरिज में बाधा आ जाती है. ज्योतिष शास्त्र में लव मैरिज में आ रही बाधा को दूर करने के लिए कई सारे उपाय बताए गए हैं, इन उपायों को करने से लव मैरिज में आ रही बाधा दूर हो जाती है. अगर आप भी लव मैरिज करना चाहते हैं, तो आप भी इस ज्योतिषीय उपाय को अपना सकते हैं.

ज्योतिष शास्त्र की मदद से निकालें समाधान

सनातन धर्म में विवाह करते समय ज्योतिष शास्त्र की मदद ली जाती हैं, इसकी मदद से दोनों पक्ष की जन्म कुंडली का मिलान किया जाता हैं. वहीं प्रेम विवाह में इन बातों का महत्व नहीं दिया जाता है, जिसके कारण जातक के जीवन में कई तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती हैं. अगर आप भी प्रेम विवाह करना चाह रहे हैं तो आपको कुछ बातों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूर होगी. क्योंकि प्रेम विवाह हो पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है. दुनिया में कई लोग प्रेम करते तो है, लेकिन शादी नहीं कर पाते हैं. वहीं कई लोगों को इसके लिए काफी विरोध का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं कुंडली में कैसे योग होने पर प्रेम विवाह में बाधा आती है.

क्यों आते है प्रेम विवाह में बाधा

अगर आपको लव मैरिज के लिए माता-पिता की सहमति नहीं मिल रही है, तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद पीला वस्त्र धारण करें, इसके पश्चात, आचमन कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान पूर्वक पूजा उपासना करें. इस समय ’ॐ लक्ष्मी नारायण नमः’ मंत्र का जाप करें. इस उपाय को लगातार 11 गुरुवार तक करना है, इससे लव मैरिज की पूरी संभावना बढ़ जाती है, इसके साथ ही परिवार वाले ख़ुशी-ख़ुशी प्रेम विवाह करवाने के लिए सहमति प्रदान कर देते हैं.

अगर आप प्रेम जीवन जी रहे हैं और आप लव मैरिज करना चाहते हैं, तो हर गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाकर पूजा करें और प्रसाद भेंट करें. भगवान को अर्पित प्रसाद को मंदिर परिसर में उपस्थित लोगों के मध्य वितरित कर दें, इस उपाय को लगातार तीन महीने तक करें. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया हैं कि ऐसा करने से भगवान विष्णु आपकी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं और आपके प्रेम विवाह में बाधा टल जाती हैं.

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अगर आपके लव मैरिज में बाधा आ रही हैं तो इसे दूर करने के लिए हर शुक्रवार के दिन स्नान-ध्यान से निवृत होकर लाल वस्त्र धारण करें, इसके पश्चात पास के दुर्गा मंदिर में जाकर जगत जननी मां दुर्गा को श्रृंगार का सामान भेंट करें. इस उपाय को कम से कम 16 शुक्रवार तक करें. इससे लव मैरिज के योग बनते हैं और प्रेमी-प्रेमिका के जीवन में कभी भी कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती हैं.

आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं, लेकिन किसी कारणवश शादी नहीं हो पा रही है, तो प्रेम के प्रतीक भगवान श्रीकृष्ण मंदिर जाएं. उनकी विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना कर उन्हें बांसुरी भेंट करें. इसके साथ ही आप “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से भगवान कृष्ण आपकी प्रेम को बरकरार रखते हैं.

प्रेम विवाह में होता है काफी विरोध

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में सप्तमेश पर अगर राहु या शनि ग्रह की कुदृष्टि पड़ी है तो ऐसी स्थिति में दो विवाह के योग बनते हैं. इन ग्रहों की दृष्टि से व्यक्ति प्रेम के लिए भटकता रहता है. अगर इनको प्रेम मिल भी जाए तो प्रेम विवाह होने की स्थिति में काफी विरोध झेलना पड़ सकता है. कभी-कभी इन ग्रहों के कारण जातक का प्रेम विवाह भी नहीं हो पाता हैं.

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विवाह में आती हैं कई अड़चनें

अगर कुंडली में पंचम स्थान पर छाया ग्रह राहु और केतु दोनों हों, तब प्रेम विवाह के योग बनते हैं. ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने प्रेम को विवाह तक ले जाने में तो सफल हो जाते हैं, लेकिन प्रेम विवाह के समय कई तरह की अड़चन आने की आशंका बनी रहती है. कभी रिश्तेदारों, परिजनों या फिर किसी अन्य व्यक्ति की वजह से कोई ना कोई परेशानी हमेशा बनी रहती है.

ऐसी स्थिति में व्यभिचारी होने की रहती है आशंका

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में सप्तमेश के साथ या सप्तम भाव में राहु ग्रह बैठने से या शुक्र के साथ राहु बैठने से भी प्रेम विवाह के शुभ योग बनते हैं. हालांकि ऐसी स्थिति बनने पर व्यक्ति समाज के विपरीत जाकर या भागकर विवाह करते हैं. कुंडली में इस तरह के योग बनने पर व्यक्ति के व्यभिचारी होने की आशंका भी बनी रहती है, जो जातक के लिए सबसे खतनाक होता हैं.

ऐसी स्थिति में दो तीन लोगों से होते हैं संबंध

अगर कुंडली में ग्रहों के सेनापति मंगल यदि सप्तम भाव या उसके स्वामी से संबंधित होता है तो जातक के दो-तीन बार प्रेम की संभावना होती है. ऐसे व्यक्तियों के दो-तीन संबंध भी हो सकते हैं. इस स्थिति में इनके प्रेम विवाह में मुश्किलें आती हैं और इनको कभी किसी एक साथ रहने पर परेशानी होती हैं, इसीलिए आपको मंगल ग्रह को प्रसन्न करने का उपाय करनी चाहिए.

ऐसी स्थिति में प्रेम विवाह से हो जाते हैं परेशान

कुंडली में अगर प्रेम विवाह में कारक ग्रहों जैसे शुक्र, पंचमेश, सप्तमेश, एकादश भावों आदि के साथ यदि अशुभ व क्रूर ग्रह बैठ जाते हैं तो प्रेम विवाह में काफी बाधाओं का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति बनने पर व्यक्ति को शादी-विवाह से भरोसा भी उठ जाता है. यदि प्रेम विवाह का कुंडली में योग न बना हो तो भी प्रेम विवाह नहीं होता, इसीलिए आपको किसी योग्य ज्योतिषी से इसके विषय में जानकारी लेने की जरूरत रहेगी.

ये योग बनता है प्रेम विवाह की स्थिति

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में मंगल यदि राहु या शनि से युति बना रहा हो तो प्रेम विवाह की संभावना बनती है. वहीं जन्म पत्रिका में प्रेम के कारक ग्रह शुक्र के कमजोर होने से प्रेम विवाह और कामुक भावना भी कमजोर होती है. ऐसी स्थिति में इनका प्रेम प्रयासों से विवाह तक तो पहुंच जाता है. लेकिन फिर से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसीलिए इन ग्रहों से बचने का उपाय करनी चाहिए.

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ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे

ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की हर परेशानी दूर की जा सकती है. ये उपाय करियर, नौकरी, व्यापार, पारिवारिक कलह सहित कई अन्य कार्यों में भी सफलता दिलाते हैं. नीचे दिए गए विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए आप एक बार ज्योतिषीय सलाह जरूर ले सकते है. यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.