बिहार के बक्सर सेंट्रल जेल में बने रस्से से तैयार होगा शबनम के मौत का फंदा, जानें कब पड़ेगी फांसी…

प्रेमी से मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम को बक्सर सेंट्रल जेल में बनी रस्सी से फांसी दी जायेगी. इसकी तैयारी जेल प्रशासन ने शुरू कर दी है. बताया जाता है कि मेरठ के अमरोहा गांव की रहनेवाली शबनम ने अप्रैल, 2008 में अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिजनों को कुल्हाड़ी से काट कर बेरहमी से हत्या कर दी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 18, 2021 6:55 AM

शशांक कुमार सिंह, बक्सर: प्रेमी से मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम को बक्सर सेंट्रल जेल में बनी रस्सी से फांसी दी जायेगी. इसकी तैयारी जेल प्रशासन ने शुरू कर दी है. बताया जाता है कि मेरठ के अमरोहा गांव की रहनेवाली शबनम ने अप्रैल, 2008 में अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिजनों को कुल्हाड़ी से काट कर बेरहमी से हत्या कर दी थी.

इस मामले में निचली अदालत से लेकर हाइकोर्ट ने फांसी की सजा सुनायी थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी. इसके बाद आरोपित शबनम ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल की, लेकिन राष्ट्रपति ने उसे भी खारिज कर दिया है.

दया याचिका खारिज होने के बाद बहुत जल्द उसे फांसी दे दी जायेगी. हालांकि, उसकी फांसी की तिथि अभी तय नहीं हुई है, लेकिन तैयारी शुरू कर दी गयी है. डेथ वारंट जारी होते ही उसे फांसी दे दी जायेगी. जेल प्रशासन ने फांसी देने के लिए बक्सर से रस्सी मंगवाने के लिए बिहार सरकार को पत्र भेज दिया है. शबनम देश की पहली महिला है जिसे फांसी मथुरा जेल में दी जायेगी.

संयुक्त सचिव सह निदेशक दीवान जाफर हुसैन ने बताया कि अभी फांसी की तिथि तय नहीं हुई है. तिथि तय होते ही बक्सर सेंट्रल जेल से रस्सी तैयार कर मेरठ जेल भेजी जायेगी. अब तक देश में जितनी भी फांसी दी गयी है, उसमें बक्सर सेंट्रल जेल में बने रस्सी से दी गयी है.

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बता दें कि देश में एकमात्र जगह बक्सर सेंट्रल जेल में ही फांसी का फंदा तैयार होता है. बक्सर केंद्रीय कारागार को छोड़कर भारतीय फैक्टरी लॉ में इस क्वालिटी की रस्सी के निर्माण पर पूरे देश में प्रतिबंध है. केवल सरकारी आदेश को छोड़कर इस विशेष प्रकार की रस्सी के इस्तेमाल पर देश में पूरी तरह से प्रतिबंध है.

अब तक राज्य सरकारों की विशेष मांग पर बक्सर सेंट्रल जेल ने सन् 1995 में केंद्रीय कारागार भागलपुर, 1981 में महाराष्ट्र, 1990 में पश्चिम बंगाल, 2003 में आंध्र प्रदेश, 2004 में पश्चिम बंगाल, 2012 में मुंबई और 2013, 2019 में दिल्ली को यह रस्सी दी है.

Posted By :Thakur Shaktilochan

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