Somvar Vrat Aarti: सावन सोमवारी की दूसरी सोमवारी आज, यहां से पढ़ें भगवान शिव की आरती

सोमवार पूजा(Somvar Puja): शिव की आरती सुनने से भोलेनाथ की कृपा बनी रहती हैं. वैसे भक्त जन उनकी पूजा अर्चना अलग अलग तरह से करते हैं. कहते हैं मन से अगर भोलेनाथ की पूजा की जाए तो मनोकामना जरूर पूरी होती है. इसके साथ शिव की आरती सुनने से मन को बहुत सुकून भी मिलता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2022 6:26 AM
an image

Lord Shiva Aarti(ॐ जय शिव ओंकारा… आरती):

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।

हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।

सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।

शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।

नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

Exit mobile version