Jharkhand News: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध है. इसपर रोक लगाने के लिए सरकार ने कोटपा (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) कानून बनाया गया है. इस कानून का सख्ती से अनुपालन कराने की जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गयी है. बावजूद इसके धनबाद में सार्वजनिक स्थानों पर जगह-जगह धूंए का छल्ला उड़ाते और थूकते हुए लोग दिख जायेंगे. इससे न केवल धूम्रपान करने वाले लोग खुद बीमार हो रहे है, बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी विभिन्न तरह की बीमारियों को आमंत्रण दे रहे हैं.

धनबाद में कोटपा कानून का नहीं हो रहा पालन

धनबाद जिले में कोटपा कानून का सख्ती से पालन कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीम गठित की गयी है. इन्हें सार्वजनिक स्थान पर तंबाकू का सेवन करने वालों और खुलेआम बेचने वालों के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाकर इसपर रोक लगाने की जिम्मेवारी है. खुलेआम तंबाकू का सेवन व बेचने पर लगाम लगाने वाले अधिकारियों के कार्यालयों के आसपास ही नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही है. विभागीय उदासीनता का आलम यह है कि जिले में नौ साल में सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों का सेवन करते और नियमों की अनदेखी कर इनकी बिक्री करते मात्र 20 लोगों पर ही जुर्माना लगाया गया है. इनपर कुल 1600 रुपये जुर्माना लगाया गया है.

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देख कर भी नहीं करते कार्रवाई

सार्वजनिक तौर पर तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों को देखने के बावजूद अधिकारी कार्रवाई नहीं करते है. कोटपा के तहत तंबाकू उत्पादों को दुकानों पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने व बेचने पर पाबंदी है. लेकिन लगभग सभी दुकानों पर तंबाकू उत्पादों को प्रदर्शित कर बेचा जा रहा है. 18 वर्ष से कम उम्र के लोगाें को तंबाकू उत्पाद बेचने व सार्वजनिक स्थानों पर खुले में सिगरेट पीने पर प्रतिबंध है, पर इन नियमों का कहीं पालन नहीं हो रहा है.

इस साल तंबाकू निषेध दिवस पर चला था अभियान

कोटपा कानून का पालन कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाया जाता है. लेकिन स्थिति यह है कि जनवरी से अबतक के बीच सिर्फ 31 मई, तंबाकू निषेध दिवस पर ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाया गया था. उस दौरान 20 लोगों को कोटपा कानून का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर पकड़ा गया. उनपर 1600 रुपये जुर्माना लगाया गया था.

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अनदेखी की एक वजह यह भी

कोटपा कानून का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर न्यूनतम 50 रुपये व अधिकतम 200 रुपये जुर्माना है. कानून का सख्ती से पालन नहीं होने की एक वजह जुर्माने की राशि कम होना है. कानून तोड़ते पकड़े जाने पर लोगों की हैसियत के अनुसार विभाग जुर्माना लगाता है.

स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में बिक रहे उत्पाद

बच्चों व किशोरों को तंबाकू उत्पादों से दूर रखने के लिए स्कूल-कॉलेज परिसर के आसपास 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है. इसके बाद भी स्कूल-कॉलेजों के पास इनकी बिक्री हो रही है.

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कोटपा के तहत प्रतिबंध

  • कार्यस्थल सहित सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान व तंबाकू का प्रयोग

  • तंबाकू उत्पादों का प्रचार

  • 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को तंबाकू उत्पाद बेचना

  • स्कूल-कालेजों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री

  • बिना सचित्र चेतावनी के तंबाकू उत्पाद बेचना