पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा तथा बीरभूम जिले के इलमबाजार जयदेव के मध्य अजय नदी पर मौजूद अस्थाई सेतु के सोमवार सुबह एक बार फिर नदी के तेज बहाव के कारण प्लावित होने से दोनों ही जिलों के मध्य इस अस्थाई सेतु के माध्यम से होने वाले लोगों का आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है. ऐसे में दोनों ही जिलों की पुलिस और प्रशासन नदी से आवागमन करने वालों लोगों पर विशेष नजरदारी चला रही है . फिलहाल अस्थाई सेतु के डूबने से लोगों के आवागमन को बंद कर दिया गया है. नौका की व्यवस्था प्रशासन द्वारा किए जाने का आश्वासन दिया गया है.

प्रतिदिन हजारों लोग आना जाना करते है अस्थाई सेतु से

हालांकि अभी तक इस दिशा में कोई उपयुक्त कदम नहीं उठाया गया है. बताया जाता है कि उक्त अजय नदी पर बने अस्थाई सेतु के ऊपर से दोनों ही जिलों के प्रतिदिन हजारों लोग आना जाना करते हैं .अभी कुछ दिन पहले ही अस्थाई सेतु टूट गया था तथा जिसके कारण आवागमन दोनों ही जिलों के बीच बंद हो गया था. बीच में पुनः मरम्मत कार्य कर जिला प्रशासन द्वारा आवागमन सुचारू किया गया था, लेकिन आज फिर सुबह अस्थाई सेतु के डूब जाने से लोगों का आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. जिला प्रशासन का कहना है की नदी का जलस्तर कम होने के बाद ही पुनः मरम्मत का करने के बाद आवागमन सुचारु किया जाएगा.

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बीरभूम हिंगला नदी से छोड़ा गया तीन हजार क्यूसेक पानी

बीरभूम जिले के हिंगला नदी पर मौजूद डैम से सोमवार सुबह दो गेट खोलकर करीब तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. बताया जाता है कि लगातार बीरभूम जिले में बारिश होने के कारण नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया था. इसके साथ ही साथ झारखंड में भी होने वाले बारिश की वजह से नदी का जलस्तर बढ़ गया. आज सुबह नदी के डैम के ऊपर जल के आने से दो गेटों को खोलकर करीब 3 000 क्यूसेक जल छोड़ दिया गया. हालांकि इस संख्या में जल के छोड़े जाने से नदी के आसपास के इलाके तथा खेतिहर जमीन पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है .हालांकि अभी तक किसी जान माल के नुकसान का कोई खबर नहीं है . इस दिशा में सिंचाई विभाग इलाके तथा नदी के बढ़ते जल स्तर पर नजरदारी चला रही है.

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