अभिनेत्री और बशीरहाट से तृणमूल सांसद नुसरत जहां (Trinamool MP Nusrat Jahan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. फ्लैट ‘धोखाधड़ी’ मामला अब भी अलीपुर कोर्ट में लंबित पड़ा हुआ है. अलीपुर अदालत ने अभिनेत्री को मामले में पेश होने का आदेश दिया है. उस आदेश को चुनौती देते हुए नुसरत ने अलीपुर जज कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. न्यायाधीश की अदालत ने अलीपुर अदालत के आदेश को बरकरार रखा है. जज ने कहा कि निचली अदालत के आदेश में कोई गलती नहीं है. इसलिए नुसरत को फ्लैट धोखाधड़ी मामले में पेश होना होगा. मंगलवार को वकील कल्याण बंद्योपाध्याय ने कहा कि वे अलीपुर कोर्ट में जज की अदालत के आदेश को बरकरार रखने का मुद्दा उठाएंगे.

गौरतलब है कि नुसरत जहां पर फ्लैट देने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था. शिकायत के मुताबिक जिस कंपनी का नाम धोखाधड़ी के मामले में शामिल है नुसरत कभी उसकी निदेशक थीं. वर्ष 2014-15 में इस संस्था ने 400 से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों से 5.5 लाख रुपये लिए थे. इसके बदले उन्हें 1,000 वर्ग फुट का फ्लैट देने का वादा किया गया था. हालांकि उन्हें वो फ्लैट नहीं मिला. आरोप है कि रकम वापस नहीं की गई. भाजपा नेता शंकुदेव पांडा ने सांसद व अभिनेत्री पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए उन्होंने सीधे ईडी से शिकायत की थी.

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इसके बाद शिकायतकर्ताओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उस शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस और ईडी के अधिकारियों ने जांच शुरू की. दरअसल ईडी ने फ्लैट ‘धोखाधड़ी’ मामले में तृणमूल सांसद को समन भेजा है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने नुसरत से पिछले सितंबर में सीजीओ कॉम्प्लेक्स में करीब साढ़े 6 घंटे तक पूछताछ की थी. हालांकि नुसरत ने घटना के तुरंत बाद कोलकाता प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि शिकायत किए जाने से काफी पहले ही उन्होंने संबंधित संगठन छोड़ दिया था. इसके अलावा उन्होंने बताया कि उन्होंने संबंधित कंपनी से कई करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. उन्होंने कर्ज का पैसा चुका दिया है.

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