कंगना रनौत ने ‘भीख में मिली आजादी’ वाले बयान पर दी सफाई, तसवीरों के साथ शेयर किया ये लंबा-चौड़ा पोस्ट
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने बयान को लेकर लगातार विवादों में हैं. एक्ट्रेस अपने 'भीख में मिली आजादी' को लेकर दिये गए बयान को लेकर आलोचना झेल रही हैं.

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने बयान को लेकर लगातार विवादों में हैं. एक्ट्रेस अपने ‘भीख में मिली आजादी’ को लेकर दिये गए बयान को लेकर आलोचना झेल रही हैं. हाल ही में उन्होंने एक पोस्ट में शेयर किया था कि अगर कोई उनके इस बयान को लेकर उन्हें गलत ठहरा दें तो वो पद्मश्री वापस कर देंगी. अब उन्होंने एक बार फिर लंबा चौड़ा पोस्ट किया है.
उन्होंने कुछ तसवीरें पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, “यह 2015 में बीबीसी द्वारा प्रकाशित एक लेख है जिसमें तर्क दिया गया है कि ब्रिटेन भारत के लिए कोई प्रतिपूर्ति नहीं करता है. गोरे उपनिवेशवादी या उनके हमदर्द इस दिन और उम्र में इस तरह की बकवास से क्यों और कैसे दूर हो सकते हैं?”
उन्होंने आगे लिखा, “अगर आप इसका पता लगाने की कोशिश करते हैं, तो इसका जवाब मेरे टाइम्स नाउ समिट स्टेटमेंट में है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने भारत में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए, हमारे देश के धन को लूटने से लेकर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को बेरहमी से मारने से लेकर हमारे देश को दो भागों में विभाजित करने के लिए, स्वतंत्रता के समय में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया.”
उन्होंने लिखा, “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, अंग्रेजों ने अपने अवकाश पर भारत छोड़ दिया, विंस्टन चर्चिल को युद्ध नायक के रूप में सम्मानित किया गया. वह वही व्यक्ति था जो बंगाल के अकाल के लिए जिम्मेदार था; क्या उनके अपराधों के लिए स्वतंत्र भारत की अदालतों में कभी उनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था? नहीं.”
उन्होंने लिखा, ” एक अंग्रेज श्वेत इंसान सिरिल रैडक्लिफ, जो पहले कभी भारत नहीं आया था, केवल 5 सप्ताह में विभाजन की रेखा खींचने के लिए अंग्रेजों द्वारा भारत लाया गया था. कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ही उस समिति के सदस्य थे जिसने अंग्रेजों द्वारा खींची गई विभाजन रेखा की शर्तों को तय किया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग दस लाख लोग मारे गए. क्या दुखद रूप से मरने वालों को आजादी मिली? क्या ब्रिटिश या कांग्रेस, जो विभाजन रेखा से सहमत थे, विभाजन के बाद हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार थे? नहीं.”
Also Read: Nusrat Jahan ने अपनी शादी को लेकर हुए विवाद पर तोड़ी चुप्पी, बोलीं- मुझे गलत तरीके से पेश किया गया
कंगना रनौत ने लिखा, “हमारे पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू का एक पत्र 28 अप्रैल 1948 को ब्रिटिश सम्राट को भेजा गया जिसमें भारत के गवर्नर जनरल के रूप में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की नियुक्ति के लिए ब्रिटिश स्वीकृति का अनुरोध किया गया है. पत्र मेरी पोस्ट की दूसरी तसवीर में पाया जा सकता है. यदि ऐसा कोई पत्र मौजूद है, तो क्या आप मानते हैं कि कांग्रेस ने अंग्रेजों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने का प्रयास किया? यदि हां, तो कृपया बताएं कि मेरा कथन कैसे गलत है!”
कंगना रनौत ने आखिर में लिखा, स्वतंत्र भारत के लिए अपनी जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को क्या पता था कि ब्रिटिश और हमारे राष्ट्र निर्माता अविभाजित भारत को दो हिस्सों में बांट देंगे, जिसके परिणामस्वरूप दस लाख लोगों का नरसंहार होगा? मैं यह कहकर अपनी बात खत्म करना चाहती हूं कि यदि हम भारत में किए गए असंख्य अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराते हैं, तब भी हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों का अनादर कर रहे हैं.”