Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले में UP सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. DGC सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है. उन्होंने तीन मांगें की हैं. ये तीन बिंदु मुस्लिम पक्ष द्वारा ध्यान आकृष्ट कराने के लिए रखे गए हैं. इसके अलावा एक नए वकील कमिश्नर की नियुक्ति का आग्रह किया गया है. इस याचिका पर कोर्ट में मंगलवार को ही सुनवाई होनी है. यूपी सरकार के वकील की ओर से जो तीन मांगें की गयी हैं वो इस प्रकार हैं…


कोर्ट से की गयी ये अपील

  • ज्ञानवापी मस्जिद स्थित जिस 3 फीट गहरे मानव निर्मित तालाब को सीज किया गया है, उसके चारों तरफ पाइप लाइन और नल हैं. उस नल का उपयोग नमाजी वजू के लिए करते हैं. तालाब परिसर सील होने के कारण नमाजियों के वजू के लिए बाहर व्यवस्था की जाए.

  • ज्ञानवापी के सील हुए क्षेत्र में शौचालय भी हैं, उनका उपयोग नमाजी करते हैं. अब उन्हें वहां नहीं जानें दिया जा रहा है, ऐसे में उनकी व्यवस्था की जाए.

  • सील किए गए तालाब में कुछ मछलियां भी हैं.ऐसे में उन्हें खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं. उन मछलियों को अब कहीं और पानी में छोड़ा जाए.

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ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश जारी किया है. शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने कोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की है. इसको लेकर दोपहर 2 बजे सिविल कोर्ट एक और सहायक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर सकती है, ताकि उस पर उचित कार्रवाई की जा सके. शासकीय अधिवक्ता की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया है कि न्यायालय के आदेश के मुताबिक शासन की तरफ से न्यायिक कार्यो को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है, लेकिन मानवीय दृष्टि से इन बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है. फिलहाल इस पूरे मामले पर आज दोपहर 2 बजे के बाद कोर्ट सुनवाई करते हुए फैसला सुना सकता है.

रिपोर्ट – विपिन सिंह