छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए नामांकन चल रहा है. सोमवार (16 अक्टूबर) को सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह समेत चार उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया. राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव और खुज्जी के उम्मीदवारों ने आज अपना परचा दाखिल किया. इनके नामांकन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए. इससे इन चारों विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं में भी जबर्दस्त उत्साह है. छत्तीसगढ़ में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि आज नामांकन दाखिल करने वाले चार उम्मीदवारों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आशीर्वाद मिला. उन्होंने दावा किया कि इन चार सीटों पर बीजेपी को स्पष्ट बढ़त दिख रही है. हम सभी सीटें जीतेंगे.

लोग पूछ रहे हैं- कौन हैं गिरीश देवांगन?

डॉ रमन सिंह ने राजनांदगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से घोषित उम्मीदवार गिरीश देवांगन पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के लोग पूछ रहे हैं कि गिरीश देवांगन कौन हैं. अगले 15 दिनों तक लोग यही पूछते रहेंगे और जब तक वे बताएंगे कि गिरीश देवांगन कौन हैं, चुनाव आ चुका होगा. डॉ रमन ने कहा कि कांग्रेस को राजनांदगांव में उम्मीदवार नहीं मिला, तो बाहर से ले आए. कोई बात नहीं. चुनाव बीजेपी ही जीतेगी.

राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहे डॉ रमन सिंह

बता दें कि राजनांदगांव विधानसभा सीट से डॉ रमन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित डोंगरगढ़ से विनोद खांडेकर चुनाव लड़ रहे हैं. राजनांदगांव के साथ-साथ डोंगरगांव और खुज्जी दोनों अनारक्षित सीटें हैं. डोंगरांव से बीजेपी ने भरत लाल वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. इन चारों विधानसभा सीटों पर पहले चरण में सात नवंबर को वोटिंग होनी है. वर्ष 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सिर्फ राजनांदगांव सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. बाकी तीनों सीटों पर उसके उम्मीदवार हार गए थे.

कांग्रेस की करुणा शुक्ला को 16,933 मतों से हराया था

राजनांदगांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस की करुणा शुक्ला को पराजित किया था. डॉ रमन को यहां 80,589 वोट मिले थे, जबकि करुणा शुक्ला को 63,656 वोट मिले थे. इस तरह डॉ रमन ने करुणा शुक्ला को 16,933 मतों के अंतर से पराजित कर दिया था. इस बार कांग्रे पार्टी ने इस सीट से डॉ रमन सिंह के खिलाफ गिरीश देवांगन को मैदान में उतारा है. डॉ रमन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि राजनांदगांव में उन्हें उम्मीदवार नहीं मिला, तो बाहर से लाए हैं. क्षेत्र के लोग गिरीश देवांगन को जानते ही नहीं. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) या आम आदमी पार्टी (आप) ने अभी तक यहां से किसी को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है.

विनोद खांडेकर को फिर मिला मौका, सरोजनी का पत्ता साफ

डोंगरगढ़ (एससी) सीट पर विनोद खांडेकर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने हर्षिता स्वामी बघेल को मैदान में उतारा है. डोंगरगांव में भरतलाल वर्मा को दलेश्वर साहू से चुनौती मिलेगी. वहीं, खुज्जी विधानसभा सीट पर बीजेपी की गीता साहू का मुकाबला भोलाराम साहू से होगा. वर्ष 2018 में इन तीनों सीटों पर बीजेपी हार गई थी. डोंगरगढ़ में (एससी) सीट पर तब बीजेपी के टिकट पर सरोजनी बंजारे ने चुनाव लड़ा था. उन्हें भुनेश्वर शोभाराम बघेल ने पराजित कर दिया. भुनेश्वर को 86,949 वोट मिले थे, जबकि सरोजनी बंजारे को 51,531 वोट मिले थे. सरोजनी 35,418 वोटों के अंतर से हार गईं थीं.

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डोंगरगांव से मधुसूदन यादव को नहीं मिला टिकट

डोंगरगांव में पिछली बार मधुसूदन यादव को बीजेपी ने टिकट दिया था. कांग्रेस के दलेश्वर साहू ने उन्हें 19,083 मतों से पराजित कर दिया. दलेश्वर साहू को 84,581 वोट मिले थे, जबकि मधुसूदन यादव को 65,498 वोट मिले. खुज्जी में कांग्रेस की छन्नी चंदू साहू ने हीरेंद्र कुमार साहू को 27,497 वोट से हराया था. बीजेपी के हीरेंद्र कुमार साहू को 44,236 वोट मिले थे, जबकि छन्नी चंदू साहू को 71,733 मत प्राप्त हुए. इस बार बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है. डोंगरगांव से इस बार भरत लाल वर्मा चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि डोंगरगढ़ (एससी) से विनोद खांडेकर को फिर से मौका मिला है. पार्टी खुज्जी का उम्मीदवार भी बदल दिया है. इस बार गीता घासी साहू को टिकट दिया गया है. यहां से वर्ष 2018 में हीरेंद्र कुमार साहू ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

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