छठ महापर्व हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. इस साल इसकी शुरुआत 08 नवंबर से हुई है और आज यानी 10 नवंबर को इसका तीसरा दिन है. नहाए खाए के साथ शुरू होने वाला यह पर्व चार दिनों का होता है जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है और समापन सप्तमी को सुबह भगवान सूर्य के अर्घ्य के साथ होता है.

महापर्व छठ का पहला अ‌र्घ्य आज

श्रद्धालु आज यानी बुधवार 10 नवंबर को डूबते सूर्य देव को पहला अर्घ्य देंगे. पर्व के मद्देनजर मंगलवार को भी बाजार में चहल-पहल रही और श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्रियों के साथ-साथ वस्त्रों की भी जमकर खरीददारी की. घाट की साफ-सफाई कर रंग-बिरंगे दुधिया बल्वों दसे सजाने और संवारने का काम भी चल रहा है. खरना के मद्देनजर मंगलवार को छठव्रतियों ने पूरी श्रद्धा के साथ सुखाये गये गेहूं को स्वयं चक्की में पीसकर आटा तैयार किया और फिर मिट्टी से बने चूल्हे में खरना का प्रसाद बनाकर भगवान को भोग लगाया.

छठ पूजा के तीसरे दिन पूजा मुहूर्त

छठ पूजा पर सूर्योदय – सुबह 06:40 बजे

छठ पूजा पर सूर्यास्त – शाम 05:30 बजे

षष्ठी तिथि शुरू – 09 नवंबर, 2021 को सुबह 10:35 बजे

षष्ठी तिथि समाप्त – 10 नवंबर, 2021 को सुबह 08:25 बजे

अर्घ्य देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें

ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥

छठ पूजा सामग्री (Chhath Puja Samagri )

छठ पूजा के समय पूजा सामग्री को पहले से ही तैयार कर लें. नए वस्त्र, बांस की दो बड़ी टोकरी या सूप, थाली, पत्ते लगे गन्ने, बांस या फिर पीतल के सूप, दूध, जल, गिलास, चावल, सिंदूर, दीपक, धूप, लोटा, पानी वाला नारियल, अदरक का हरा पौधा, नाशपाती, शकरकंदी, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, कुमकुम, चंदन, सुथनी, पान, सुपारी, शहद, अगरबत्ती, धूप बत्ती, कपूर, मिठाई, गुड़, चावल का आटा, गेहूं आदि सामान की जरूरत पड़ती है.

Posted By: Shaurya Punj