छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका, आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने पार्टी छोड़ी
छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी नेता ने कांग्रेस पार्टी को टाटा, बाय-बाय कह दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए आरोप लगाया है कि सूबे में पेसा कानून की धज्जियां उड़ायी जा रहीं हैं. अरविंद नेताम ने और क्या-क्या आरोप लगाये हैं, क्या है आगे की योजना, यहां पढ़ें.
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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस का हाथ छोड़ने का ऐलान करने वाले अरविंद नेताम ने पार्टी पर जनजातीय समुदाय के नेताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. वहीं, सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने नेताम के इस्तीफे पर कहा कि वह बहुत पहले से पार्टी विरोधी कार्यों में लिप्त थे.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने पेसा कानून की धज्जियां उड़ायी
कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ने के बाद छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरविंद नेताम ने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने जनजातियों को पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम (पेसा) लागू करने का बार-बार आश्वासन दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने पेसा कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं.
छत्तीसगढ़ में जब चुनाव होंगे, तब हम भूपेश बघेल की सरकार से पूछेंगे कि पेसा को किसके इशारे पर खत्म किया गया, अडाणी-अंबानी या हाईकमान के निर्देश पर. पार्टी अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ (2018 राज्य विधानसभा चुनाव) में राजनीतिक रैलियों में कहा था कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है, तो पेसा कानून लागू किया जायेगा. उनके आश्वासन के बाद उनकी सरकार ने पेसा कानून की धज्जियां उड़ा दीं.
अरविंद नेताम, पूर्व केंद्रीय मंत्री
काफी सोच-विचार करने के बाद दिया इस्तीफा : अरविंद नेताम
वरिष्ठ जनजातीय नेता ने कहा कि मैंने काफी सोच-विचार करने के बाद विश्व जनजातीय दिवस नौ अगस्त को अपना इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उसी दिन छत्तीसगढ़ की सरकार ने पेसा अधिनियम को समाप्त कर दिया है – जो समुदाय (जनजातीय) को ‘जल जंगल जमीन’ का अधिकार देता है. ये इस्तीफा एक तरह का विरोध है. कई अन्य कारण भी हैं.
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30 सीट पर उतारेंगे अपने उम्मीदवार
कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले अरविंद नेताम के नेतृत्व में सर्व जनजातीय समाज (एसजेएस) ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में से 50 सीट पर 2023 का चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उधर, अरविंद नेताम ने कहा कि हम सीधे तौर पर 30 विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे, लेकिन उन 20 सीटों पर भी लड़ेंगे, जहां जनजातीय लोगों का जनादेश पर बड़ा प्रभाव है. उन्होंने कहा कि इन 20 सीटों पर उनकी पार्टी अन्य समुदायों के उम्मीदवारों का भी स्वागत करेगी.
इन दलों के साथ गठबंधन पर हो रही वार्ता
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर अरविंद नेताम ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) से बात कर रहे हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा स्थापित क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है.
हम अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, जो खतरे में है. जनजातीय क्षेत्रों में संसाधनों की जो लूट शुरू हो चुकी है, हमें इसके बारे में समुदाय (जनजातीय) को जागरूक करना होगा.
अरविंद नेताम, पूर्व केंद्रीय मंत्री
आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से इंकार
अरविंद नेताम ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन करने से साफ इंकार कर दिया. उनसे पूछा गया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता अनुमान लगा रहे हैं कि उनकी पार्टी कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाएगी, तो उन्होंने कहा कि सर्व जनजातीय समाज किसी भी राजनीतिक दल के लाभ के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा.
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संसाधनों की लूट रोकने के लिए बना था पेसा कानून
केंद्र में मंत्री रह चुके अरविंद नेताम ने कहा कि हम अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, जो खतरे में है. जनजातीय क्षेत्रों में संसाधनों की जो लूट शुरू हो चुकी है, हमें इसके बारे में समुदाय (जनजातीय) को जागरूक करना होगा. उन्होंने कहा कि संसाधनों की लूट शुरू हो गयी है. 1996 में पेसा कानून बहुत सोच-समझ कर बनाया गया था कि लुटेरों को रोका जा सके. लेकिन राज्य में उसको भी खत्म कर दिया गया, जो बहुत चिंता का विषय है.
चुनाव में भूपेश बघेल सरकार से सवाल पूछेंगे नेताम
नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब चुनाव होंगे, तब हम भूपेश बघेल की सरकार से पूछेंगे कि पेसा को किसके इशारे पर खत्म किया गया, अडाणी-अंबानी या हाईकमान के निर्देश पर. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ (2018 राज्य विधानसभा चुनाव) में विभिन्न राजनीतिक रैलियों में कहा था कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है, तो पेसा कानून लागू किया जायेगा. उनके आश्वासन के बाद उनकी सरकार ने पेसा कानून की धज्जियां उड़ा दीं.
बोले अरविंद नेताम : राहुल गांधी से पूछेंगे ये सवाल
कांग्रेस से नाराज नेताम यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी छत्तीसगढ़ आयेंगे और उनसे मिलेंगे, तो वह उनसे इसके बारे में पूछेंगे. सूबे के बड़े आदिवासी नेता के पार्टी छोड़ने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नेताम पहले से ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस छोड़ने में नेताम ने बहुत देर कर दी. उन्होंने भानुप्रतापपुर चुनाव (उपचुनाव) में उम्मीदवार खड़ा किया था. लगातार पार्टी के खिलाफ ही काम कर रहे थे.