पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस में सिरफुटौव्वल शुरू हो गया है. पार्टी के दिग्गज नेता आनंद शर्मा और बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के बीच ट्विटर वार शुरू हो गया है. दरअसल, चुनावी एलान के बाद कांग्रेस और लेफ्ट द्वारा गठबंधन बनाकर इंडियन सेकुलर फ्रंट के साथ एक रैली की गई, जिसको लेकर आनंद शर्मा ने सवाल उठाया.

बता दें कि विधानसभा चुनाव में तृणमूल और भाजपा को टक्कर देने का दम भरने वाली कांग्रेस के अंदर ही अब गठबंधन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. राज्य में जहां कांग्रेस और वाममोर्चा एक साथ चुनावी मैदान में विरोधियों को टक्कर देने के लिए हुंकार भर रही है. वहीं, 28 फरवरी को कोलकाता में हुई ब्रिगेड रैली के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ गठबंधन पर सवाल उठाये हैं.

आइएसएफ से कांग्रेस के गठबंधन पर आनंद शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है. उन्होंने आइएसएफ के साथ गठबंधन को पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ बताया. उन्होंने रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की मौजदूगी और समर्थन को शर्मनाक बताया.

अधीर ने किया पलटवार- इधर, आनंद शर्मा के सवाल पर अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया है. अधीर ने कहा कि जो भी बंगाल में फैसले किए जा रहा हैं, उस सबकी सजानकारी हाईकमान को है. बंगाल चुनाव को लेकर जो नेता ट्विटर पर सवाल पूछ रहे हैं, उन्हें पांच राज्यों में पार्टी में हो रहे चुनाव में पार्टी के लिए काम करनी चाहिए.

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Posted By : Avinish kumar mishra