झारग्राम के लालगढ़ में छत्रधर महतो एक बड़ा नाम है. 57 वर्षीय छत्रधर कोई साधारण पार्टी मैन नहीं है, बल्कि माओवादी समर्थित पीपुल्स कॉमिस्टी अगेंस्ट पुलिस (PCAPA) के पूर्व संयोजक हैं, जिन्हें 2009 में UAPA के तहत आरोपित किया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

छत्रधर महतो पिछले वर्ष फरवरी महीने में 11 साल बाद जेल से छूटकर आया था. इसके बाद से ही छत्रधर महतो लगातार जंगलमहल के पूर्व माओवाद प्रभावित इलाकों में फिर से तृणमूल का वर्चस्व स्थापित करने के लिए कार्य कर रहा है. इन इलाकों में पश्चिम मिदनापुर, पुरुलिया, बांकुरा और झारग्राम शामिल है, जहां की आदिवासी आबादी बहुसंख्यक है. यहीं वो जिले हैं जहां से 2019 में बीजेपी ने बीजेपी के पक्ष में वोट पड़े थे.

छत्रधर महतो बतात हे कि बीजेपी आदिवासी समाज में बंटवारा करती है और वोट जीतती है. उन्होंने संथाली आदिवासी के खिलाफ कुरमी को उतार दिया है. पर जंगलमहल की जनता अब कोई खून खराबा नहीं चाहती है. यहां की जनता सिर्फ शांति चाहती है. साथ ही उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि बीजेपी ने आदिवासियों को बहकाया है कि सिर्फ बीजेपी ही उनका अधिकारी उन्हें दिला सकती है.

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छत्रधर बताते हैं कि अब उनके प्रयास से उनके प्रयास के कारण बहुत से लोग फिर से टीएमसी से जुड़ रहे हैं. कई ऐसे पंचायत हैं जिन्होंने (PCAPA) आंदोलन के दौरान उनका साथ दिया था वो अब फिर से बीजेपी छोड़कर वापस आ रहे हैं. यह दिखा रहा है कि टीएमसी के प्रति लोगों का विश्वास अभी भी बना हुआ है.

छत्रधर महतो ने कहा कि मतदाता ममता सरकार के काम से मतदाता भी प्रभावित हैं. क्योंकि उन्होंने आदिवासी समुदाय की मांगों पर अमल किया है. आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है . सरकार ने रघुनाथ मुर्मू कॉलेज की स्थापना की और रघुनाथ महतो पुल का निर्माण किया। स्थानीय कलाकारों को वजीफा प्रदान किया जा रहा है.

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Posted By: Pawan Singh