Basant Panchami 2024 with valentine day: बसंत पंचमी, जो ज्ञान और कला की देवी माता सरस्वती को समर्पित है, इस बार 14 फरवरी, वेलेंटाइन डे के दिन मनाई जाएगी. यह दुर्लभ संयोग 60 साल बाद बन रहा है, जिसके कारण इस दिन शादियों को लेकर खासा उत्साह है.

बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ कार्य किए जा सकते हैं. इस दिन माता सरस्वती के साथ कामदेव की भी पूजा अर्चना की जाती है, जो प्रेम और विवाह के देवता हैं.

यह दिन उन लोगों के लिए भी शुभ है जिनका विवाह मुहूर्त नहीं निकल पा रहा है. वे इस दिन विवाह के बंधन में बंध सकते हैं.

  • बसंत पंचमी शादी के लिए एक शुभ दिन क्यों माना जाता है, हम आपको बता रहे हैं

  • अबूझ मुहूर्त: इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

  • माता सरस्वती का आशीर्वाद: माता सरस्वती ज्ञान और कला की देवी हैं, विवाह के बाद जीवन में सुख और समृद्धि लाती हैं.

  • कामदेव का आशीर्वाद: कामदेव प्रेम और विवाह के देवता हैं, विवाहित जीवन में प्रेम और खुशी लाते हैं.

  • शुभ संयोग: 60 साल बाद यह दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है.

सरस्वती माता की आरती

जय सरस्वती माता,

मैया जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी,

त्रिभुवन विख्याता ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,

द्युति मंगलकारी ।

सोहे शुभ हंस सवारी,

अतुल तेजधारी ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

बाएं कर में वीणा,

दाएं कर माला ।

शीश मुकुट मणि सोहे,

गल मोतियन माला ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

देवी शरण जो आए,

उनका उद्धार किया ।

पैठी मंथरा दासी,

रावण संहार किया ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,

ज्ञान प्रकाश भरो ।

मोह अज्ञान और तिमिर का,

जग से नाश करो ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

धूप दीप फल मेवा,

माँ स्वीकार करो ।

ज्ञानचक्षु दे माता,

जग निस्तार करो ॥

॥ जय सरस्वती माता…॥

माँ सरस्वती की आरती,

जो कोई जन गावे ।

हितकारी सुखकारी,

ज्ञान भक्ति पावे ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

जय सरस्वती माता,

जय जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी,

त्रिभुवन विख्याता ॥

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

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