भारत में जिस प्रकार से क्रिकेट का क्रेज है, चीन में टेबल टेनिस का माहौल भी कुछ उसी प्रकार है. यही कारण है कि एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में टेबल टेनिस मुकाबले में चीन की तूती बोलती है. भारत की सुतीर्था मुखर्जी और अहिका मुखर्जी की जोड़ी ने सोमवार को एशियन गेम्स 2023 में टेबल टेनिस मुकाबले में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता है. दो दशक पहले से पश्चिम बंगाल के नैहाटी में इन दोनों ने योजनाएं बनानी शुरू कर दी थी. करीब 20 साल के अथक प्रयास का नजीता है यह कांस्य पदक. भारतीय जोड़ी ने टेबल टेनिस महिला युगल में कांस्य पदक के साथ एशियाई खेलों में शानदार ढंग से खेलने के अपने सपने को साकार किया.

चीन को हराकर पहुंचे थे सेमीफाइनल में

सेमीफाइनल में हारने से दो दिन पहले, मुखर्जी ने अपने अंतिम-आठ मैच में चीन के मौजूदा विश्व चैंपियन चेन मेंग और यिडि वांग की जोड़ी को हराया था. भारतीय जोड़ी को महिला युगल सेमीफाइनल में उत्तर कोरिया से कड़े मुकाबले में 3-4 से हारने के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. इस पदक के साथ ही एशियन गेम्स टेबल टेनिस में अब भारत की चुनौती समाप्त हो गई. इस बार भारत ने टेबल टेनिस में यही एक पदक जीता है. भारत ने जकार्ता में 2018 में पुरुष टीम और मिश्रित युगल में कांस्य पदक जीते थे.

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सुतीर्था और अहिका नहीं हैं बहनें

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक दो भारतीय लड़कियों के एक ही सरनेम ने कुछ विदेशी पत्रकारों को यह विश्वास दिला दिया कि वे बहनें हैं. अहिका ने तब जाकर खुलासा किया कि हम बहनें नहीं हैं, लेकिन हमारा सरनेम एक ही है. हम एक-दूसरे को जानते हैं और बचपन से साथ खेले हैं, इसलिए एक-दूसरे को समझना बहुत आसान है. मैं उसके दिमाग को पढ़ सकती हूं और वह मेरे दिमाग को पढ़ सकती है. और हम वास्तव में टेबल पर मजा करते हैं, चाहे हम हार रहे हों या दुनिया के सर्वश्रेष्ठ के खिलाफ खेल रहे हों.

भारत ने टेबल टेनिस में जीता केवल एक मेडल

सेमीफाइनल में प्रवेश ने इस जोड़ी के लिए एक पदक पक्का कर दिया था. लेकिन सोमवार को उत्तर कोरिया के चा सुयोंग और पाक सुगयोंग के खिलाफ अंतिम-चार का मुकाबला एक दर्दनाक हार के साथ समाप्त हुआ. कोरियाई जोड़ी ने स्वर्ण पदक मैच में जगह बनाने के लिए 7-11, 11-8, 7-11, 11-8, 11-9, 5-11, 11-2 से जीत हासिल की. कोच ममता प्रभु ने कहा, ‘उन्होंने (अहिका और सुतीर्था) एक ही क्लब से शुरुआत की. उनकी दोस्ती 20 साल से अधिक पुरानी है. वे एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, एक-दूसरे के अंदर और बाहर को जानते हैं. यही कारण है कि बॉन्डिंग वास्तव में मजबूत है.’

कोरिया को दी अच्छी टक्कर

मुखर्जी जोड़ी ने अच्छी शुरुआत नहीं की, लेकिन वापसी के लिए जोरदार प्रयास किया. वे चौथा और पांचवां गेम हार गए. उन्होंने एक समय स्कोर 3-3 कर दिया और मैच को निर्णायक मुकाबले में ले गए. कोच ममता ने कहा कि मुझे लगता है कि उत्तर कोरियाई लोगों के पास कुछ अच्छे खेल थे जहां उन्होंने वास्तव में शानदार खेला और वे (भारतीय टीम) तब पूरी तरह से लय से बाहर थे. मैं कह सकती हूं कि यह हमारे लिए खुशी का दिन नहीं है.

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फाइनल में नहीं पहुंचने का दर्द

सोमवार को भीड़ क्वार्टरफाइनल की तरह उतनी महत्वपूर्ण नहीं थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने फिर भी कोरियाई लोगों का समर्थन किया. ममता ने कहा, ‘हम इसके आदी हैं. आखिरी मैच (क्वार्टर फाइनल) में हमने चीन के खिलाफ खेला था. इससे कहीं ज्यादा उत्साह था. इस बार भीड़ उत्तर कोरिया के पक्ष में थी लेकिन हम इसके आदी हैं.’ नैहाटी के बचपन की दोस्त सुतीर्था और अयहिका खुश हैं, हालांकि सेमीफाइनल से आगे न बढ़ पाने की निराशा भी उनके शब्दों में साफ झलक रही थी. अहिका ने मैच के बाद कहा, ‘यह पदक जीतना अवास्तविक लगता है, लेकिन यह और बेहतर हो सकता था. हमारे पास जो कुछ है उससे हम खुश हैं.’

एशियाई खेलों में सोमवार को भारत के पदक जीतने वाले खिलाड़ी

  1. ऐंसी सोजन – महिला लंबी कूद – रजत

  2. एथलेटिक्स टीम – चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले – रजत

  3. पारुल चौधरी – 3000 मीटर स्टीपलचेज – रजत

  4. प्रीति – 3000 मीटर स्टीपलचेज – कांस्य

  5. महिला स्पीड स्केटिंग टीम – 3000 मीटर रिले – कांस्य

  6. पुरुष स्पीड स्केटिंग टीम – 3000 मीटर रिले – कांस्य

  7. सुतीर्था और अहिका मुखर्जी – टेबल टेनिस महिला युगल – कांस्य

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