Bareilly: उमेश पाल हत्याकांड में नामजद पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के बाद बरेली में भी काफी चर्चाएं हैं. उत्तर प्रदेश की बरेली जेल में 36 महीने से बंद अशरफ को 12 अप्रैल को बरेली जेल से प्रयागराज ले जाया गया था. उसने पुलिस की गाड़ी में बैठने के दौरान पत्रकारों को दो ऊंगली दिखाकर दो सप्ताह पूरे होने के संकेत दिए थे. हालांकि, पुलिस ने मीडिया से बात नहीं करने दी. उसके चेहरे पर दो सप्ताह में मारने का खौफ साफ दिखाई दे रहा था, हुआ भी वही.

शनिवार देर शाम पुलिस अभिरक्षा में तीन बदमाशों ने अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी. अशरफ के बरेली जेल में बंद होने की जानकारी लोगों को नहीं थी. मगर, 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद, अशरफ और उनके परिवार का नाम सामने आया. इसके बाद ही अशरफ के 35 महीने से बरेली जेल में बंद होने की जानकारी लोगों को हुई.

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अशरफ को 26 मार्च को पहली बार उमेश पाल अपहरण कांड के केस में पुलिस प्रयागराज ले गई थी. 28 मार्च को प्रयागराज में पेशी के बाद अशरफ बरेली लाया गया. उसने जेल गेट पर पत्रकारों से बात कर एक बड़े अधिकारी पर धमकी देने का आरोप लगाया था. उसने कहा था कि एक अधिकारी ने दो सप्ताह बाद जेल से निकालकर निपटाने की चेतावनी दी है. पत्रकारों ने जब अधिकारी का नाम पूछा, तो अशरफ का जवाब था कि वह फिलहाल अफसर का नाम नहीं बताएगा. मगर, उसने घटना होने की बात कही थी. उसने कहा था कि अफसर का नाम लिखा बंद लिफाफा सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री तक पहुंच जाएगा.

बहन ने भी जताया था हत्या का शक

अशरफ के प्रयागराज कोर्ट में पेशी पर जाने के दौरान उसकी बहन आयशा और वकीलों की एक टीम पुलिस की गाड़ी के पीछे पीछे जाती थी. इसी तरह से अशरफ की गाड़ी से जेल तक आते थे. उसकी बहन ने भी बरेली में मीडिया से बात कर यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी पर भाई अशरफ को निपटाने की चेतावनी का आरोप लगाया था. मगर, आयशा ने अधिकारी का नाम नहीं बताया था. इसके बाद अशरफ की बहन आयशाऔर अशरफ की पत्नी जैनब भी आरोपी बनाए गए. इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली