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Elon Musk vs Mukesh Ambani: दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने उपग्रह-आधारित संचार में इस्तेमाल होने वाले स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिये किये जाने की भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल की मांग को अभूतपूर्व बताते हुए निशाना साधा है.
अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो पुराने दूरसंचार परिचालकों को समान अवसर देने के लिए नीलामी के जरिये ऐसे स्पेक्ट्रम आवंटित करने की जरूरत पर बल दे चुकी है. भारती एयरटेल के प्रमुख मित्तल ने भी मंगलवार को ऐसे आवंटन के लिए बोली लगाने की जरूरत बतायी.
हालांकि मस्क की अगुवाई वाली स्टारलिंक वैश्विक रुख के अनुरूप उपग्रह-आधारित संचार के लिए लाइसेंसों का प्रशासनिक आवंटन किये जाने की मांग कर रही है. स्टारलिंक दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मोबाइल टेलीफोन और इंटरनेट बाजार भारत में कदम रखने की योजना बना रही है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रशासनिक आवंटन के पक्ष में
दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस रुख से सहमति जताते हुए कहा कि दूरसंचार तरंगों को नीलामी के बजाय प्रशासनिक आवंटन के जरिये दिया जाएगा. सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 ने इस मामले को ‘अनुसूची एक’ में रखा है, जिसका मतलब है कि उपग्रह संचार स्पेक्ट्रम को प्रशासनिक रूप से आवंटित किया जाएगा.
उन्होंने कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि स्पेक्ट्रम बिना लागत के आता है. वह लागत क्या होगी और उस लागत का फॉर्मूला क्या होगा, यह ट्राई तय करेगा. ट्राई पहले ही इस पर एक अध्ययन पत्र ला चुका है. दूरसंचार नियामक को संविधान ने यह तय करने का अधिकार दिया है कि प्रशासनिक मूल्य क्या होने वाला है.
मंत्री ने भरोसा जताया कि ट्राई सबसे अच्छी कीमत तय करेगा जिसे अपनाया जाना चाहिए, बशर्ते कि यह प्रशासनिक तरीके से दिया जा रहा हो. उन्होंने ने कहा, दुनिया भर में उपग्रह स्पेक्ट्रम का आवंटन प्रशासनिक रूप से किया जाता है. इसलिए, भारत बाकी दुनिया से कुछ अलग नहीं कर रहा है. इसके उलट अगर आप इसकी नीलामी करने का निर्णय लेते हैं तो आप कुछ ऐसा करेंगे, जो बाकी दुनिया से अलग होगा.
मस्क ने जियो की मांग को बताया अभूतपूर्व
मस्क ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड का आवंटन किये जाने और नीलामी न करने संबंधी ट्राई के परामर्श पत्र को खारिज करने की जियो की मांग को अभूतपूर्व बताया है. मस्क ने नाखुशी जताई जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मित्तल ने बोली लगाने का रास्ता चुनने की मांग रखी. मस्क ने पूछा कि क्या स्टारलिंक को भारत में इंटरनेट सेवाएं देने की मंजूरी देना बहुत बड़ी परेशानी है.
यह शायद पहली बार है जब अंबानी, मित्तल और गौतम अदाणी की साझी संपत्ति से भी अधिक 241 अरब डॉलर की संपत्ति रखने वाले मस्क ने समान अवसर दिए जाने की मांग के खिलाफ अपनी नाखुशी जताई है.
मस्क ने जियो की तरफ से सरकार को लिखे गए पत्र का जवाब अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर देते हुए कहा, मैं फोन करूंगा और पूछूंगा कि क्या स्टारलिंक को भारत के लोगों को इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देना बहुत अधिक परेशानी नहीं होगी.
मस्क ने सोमवार को भी नीलामी के जरिये आवंटन की मांग को अभूतपूर्व बताते हुए कहा था कि इस स्पेक्ट्रम को आईटीयू ने उपग्रहों के लिए साझा स्पेक्ट्रम के रूप में लंबे समय से नामित किया था. भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) का सदस्य है. मस्क की स्टारलिंक और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर जैसी वैश्विक कंपनियां प्रशासनिक आवंटन का समर्थन करती हैं.
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