OnePlus 13 और OnePlus 13R भारत में लॉन्च, जानिए खूबियां क्या हैं और कीमत कितनी
Google: निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई ने शुक्रवार को इंटरनेट-आधारित कंपनी गूगल की प्ले स्टोर मूल्य निर्धारण नीति में कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के संबंध में जांच के आदेश दिए. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इस आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता मुख्य रूप से गूगल के स्वामित्व वाले ऐप स्टोर ‘गूगल प्ले स्टोर’ की भुगतान नीतियों से व्यथित हैं. प्ले स्टोर पर प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करने का आरोप है. यह आदेश भुगतान संबंधी समस्याओं के कारण गूगल के प्ले स्टोर से कुछ ऐप को हटाने के दो सप्ताह के भीतर आया है. गूगल ने एक मार्च को सेवा शुल्क भुगतान पर विवाद को लेकर भारत में अपने प्ले स्टोर से कुछ ऐप हटा दिए थे. हालांकि, सरकार के हस्तक्षेप के बाद कुछ दिनों के भीतर ही इन ऐप को बहाल कर दिया गया.
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी जांच शुरू करने के लिए सीसीआई के आदेश की समीक्षा कर रही है.
प्रवक्ता ने कहा, ”सीसीआई ने 2020 और 2022 के बीच हमारे सेवा शुल्क की पहले भी विस्तार से जांच की है और कुछ भी कानून के विरुद्ध नहीं पाया. हालांकि, हम भारत में स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता को गंभीरता से लेते हैं और इस प्रक्रिया में हर तरह से सहयोग करेंगे.”
प्रतिस्पर्धा आयोग में अपील दायर करने वाली कंपनियों में पीपुल इंटरएक्टिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेबिगो लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (आईबीडीएफ) और इंडियन डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री फाउंडेशन (आईडीएमआईएफ) शामिल हैं. इसमें आरोप लगाया गया है कि गूगल प्ले स्टोर की भुगतान नीतियां ऐप डेवलपर, भुगतान पूरा करने वालों और यूजर्स सहित कई हितधारकों को प्रभावित कर रही हैं. सीसीआई ने 21 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि गूगल ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा चार (प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग) का उल्लंघन किया है और इसीलिए मामले की जांच का आदेश दिया गया है. भाषा इनपुट के साथ.
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