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टीडीबी कॉलेज से संताली में पढ़ाई की मांग पर 15 को होगा आंदोलन

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रानीगंज. शहर के टीडीबी कॉलेज में संताली भाषा और अलचिकी लिपि में स्नातक स्तर पर पढ़ाई शुरू करने की मांग पर आदिवासी संगठन दिशोम आदिवासी गांवता और फाइट फार मदर टंग की तरफ से 8 जुलाई से कॉलेज के सामने धरना प्रदर्शन व अनशन किया जा रहा है. शुक्रवार को इस अनशन का पांचवां दिन था. संगठन की ओर से शुक्रवार को अनशन मंच पर संवाददाता सम्मेलन किया गया, जिसमें बताया गया कि आगामी 15 तारीख को उक्त मांग पर जिलाधिकारी कार्यालय और काजी नजरुलि विश्वविद्यालय (केएनयू) के बाहर आंदोलन किया जायेगा. यहां पर दिशोम आदिवासी गांवता के अध्यक्ष लोबान हसदा, फाइट फॉर मदर टंग के राज्य सचिव सुकू मुर्मू, दिशम आदिवासी गांवता राज्य पर्यवेक्षक भुवन मंडी, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुद्धन बास्की , प्रदेश संयोजक सैलमन मंडी , सचिव गोराचांद हेम्ब्रम, जिला अध्यक्ष दिलीप सोरेन और जिला सदस्य सीमा मंडी ,संजय हेम्ब्रम आदि उपस्थित थे. इस मौके पर भुवन मंडी ने कहा बीते 28 जून से उनके संगठन की तरफ से कॉलेज में संथाली भाषा में स्नातक स्तर पर पढ़ाई शुरू करने के लिए आंदोलन किया जा रहा है .8 जुलाई से कॉलेज के मुख्य द्वार पर अनशन किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कॉलेज पक्ष कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है, जिस वजह से उनका आंदोलन आज भी जारी है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को और तीव्र करते हुए संगठन द्वारा 15 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक कई कार्यक्रम लिए हैं. उ 15 जुलाई को संगठन की तरफ से जिला शासक कार्यालय और काजी नजरूल विश्वविद्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा, और अपनी बात वहां तक पहुंचाई जाएगी.16 जुलाई को ब्लॉक और कॉलेज स्तर पर विभिन्न छात्र संगठन और अन्य संगठनों द्वारा इस मांग के समर्थन में आंदोलन किया जाएगा. 17 जुलाई को मोहर्रम को देखते हुए अनशन और आंदोलन को स्थगित रखा गया है. 18 जुलाई को फिर से एक रैली निकाली जाएगी जो पंजाबी मोड़ से कॉलेज तक आयोजित होगी. 19 और 20 जुलाई को पुनः अनशन जारी रखी जायेगी. उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता उनसे संपर्क कर रहे हैं उन्होंने सभी को खुला आमंत्रण दिया है कि जो भी उनके इस मांग के समर्थन में अनशन मंच पर आना चाहते हैं वह आ सकते हैं .इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के जीते हुए आदिवासी प्रत्याशियों को एक खुला पत्र उच्च शिक्षा विभाग को लिखने के लिए कहा जिससे कि आदिवासी समाज की इस मांग को और जोर मिल सके. इसके साथ उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को अनशन नहीं किया जाएगा. 22 जुलाई को इसी आंदोलन के क्रम में कोलकाता के प्रेस क्लब में एक प्रेस मीट का आयोजन किया गया है . भले 22 जुलाई को कोलकाता में प्रेस मीट होगी, लेकिन 22 जुलाई को यहां कॉलेज के सामने अनशन जारी रहेगा. जबकि 24 जुलाई को विकास भवन के सामने प्रदर्शन कर उच्च शिक्षा बिभाग के अधिकारी से मिलकर अपनी मांगों को रखा जाएगा. इस तरह से आदिवासियों की जायज मांग को पूरे प्रदेश में फैलाने की कोशिश की जा रही है ताकि आदिवासी समाज के विद्यार्थियों को उनका अधिकार मिले.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

रानीगंज. शहर के टीडीबी कॉलेज में संताली भाषा और अलचिकी लिपि में स्नातक स्तर पर पढ़ाई शुरू करने की मांग पर आदिवासी संगठन दिशोम आदिवासी गांवता और फाइट फार मदर टंग की तरफ से 8 जुलाई से कॉलेज के सामने धरना प्रदर्शन व अनशन किया जा रहा है. शुक्रवार को इस अनशन का पांचवां दिन था. संगठन की ओर से शुक्रवार को अनशन मंच पर संवाददाता सम्मेलन किया गया, जिसमें बताया गया कि आगामी 15 तारीख को उक्त मांग पर जिलाधिकारी कार्यालय और काजी नजरुलि विश्वविद्यालय (केएनयू) के बाहर आंदोलन किया जायेगा. यहां पर दिशोम आदिवासी गांवता के अध्यक्ष लोबान हसदा, फाइट फॉर मदर टंग के राज्य सचिव सुकू मुर्मू, दिशम आदिवासी गांवता राज्य पर्यवेक्षक भुवन मंडी, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुद्धन बास्की , प्रदेश संयोजक सैलमन मंडी , सचिव गोराचांद हेम्ब्रम, जिला अध्यक्ष दिलीप सोरेन और जिला सदस्य सीमा मंडी ,संजय हेम्ब्रम आदि उपस्थित थे. इस मौके पर भुवन मंडी ने कहा बीते 28 जून से उनके संगठन की तरफ से कॉलेज में संथाली भाषा में स्नातक स्तर पर पढ़ाई शुरू करने के लिए आंदोलन किया जा रहा है .8 जुलाई से कॉलेज के मुख्य द्वार पर अनशन किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कॉलेज पक्ष कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है, जिस वजह से उनका आंदोलन आज भी जारी है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को और तीव्र करते हुए संगठन द्वारा 15 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक कई कार्यक्रम लिए हैं. उ 15 जुलाई को संगठन की तरफ से जिला शासक कार्यालय और काजी नजरूल विश्वविद्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा, और अपनी बात वहां तक पहुंचाई जाएगी.16 जुलाई को ब्लॉक और कॉलेज स्तर पर विभिन्न छात्र संगठन और अन्य संगठनों द्वारा इस मांग के समर्थन में आंदोलन किया जाएगा. 17 जुलाई को मोहर्रम को देखते हुए अनशन और आंदोलन को स्थगित रखा गया है. 18 जुलाई को फिर से एक रैली निकाली जाएगी जो पंजाबी मोड़ से कॉलेज तक आयोजित होगी. 19 और 20 जुलाई को पुनः अनशन जारी रखी जायेगी. उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता उनसे संपर्क कर रहे हैं उन्होंने सभी को खुला आमंत्रण दिया है कि जो भी उनके इस मांग के समर्थन में अनशन मंच पर आना चाहते हैं वह आ सकते हैं .इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के जीते हुए आदिवासी प्रत्याशियों को एक खुला पत्र उच्च शिक्षा विभाग को लिखने के लिए कहा जिससे कि आदिवासी समाज की इस मांग को और जोर मिल सके. इसके साथ उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को अनशन नहीं किया जाएगा. 22 जुलाई को इसी आंदोलन के क्रम में कोलकाता के प्रेस क्लब में एक प्रेस मीट का आयोजन किया गया है . भले 22 जुलाई को कोलकाता में प्रेस मीट होगी, लेकिन 22 जुलाई को यहां कॉलेज के सामने अनशन जारी रहेगा. जबकि 24 जुलाई को विकास भवन के सामने प्रदर्शन कर उच्च शिक्षा बिभाग के अधिकारी से मिलकर अपनी मांगों को रखा जाएगा. इस तरह से आदिवासियों की जायज मांग को पूरे प्रदेश में फैलाने की कोशिश की जा रही है ताकि आदिवासी समाज के विद्यार्थियों को उनका अधिकार मिले.

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