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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शुक्रवार 20 जून को पीएम मोदी को पत्र लिखकर तीन आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को स्थगित करने का आग्रह किया है. आपको बता दें कि नए कानून एक जुलाई से लागू होंगे.
क्या है मामला
ममता बनर्जी ने पत्र में कहा है कि संसद में पास तीनों कानूनों पर नए सिरे से समीक्षा होनी चाहिए. ये तीनों कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा कि नए सांसदों के समक्ष इसकी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कम से कम इसके लागू होने की तिथि को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. आपको बता दें कि संसद में नए कानून पास कर न्याय प्राणाली को मजबूत बनाने के उद्देश्य से ये कानून लागू किए गए थे.
पीएम पर लगाया तानाशाही का आरोप
पत्र में ममता बनर्जी ने पीएम मोदी और सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आपकी पिछली सरकार ने तीन अहम विधेयकों को बिना किसी बहस के सदन में पारित कर दिया. पीएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा में कुल 100 सांसदों को निलंबित कर के कानून को पास किया गया. वहीं दोनों सदनों को मिलाकर कुल 146 संसद सदस्यों को बाहर निकाला गया. पीएम पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिए वह काला दिन था जिस दिन ये तीनों विधेयक सदन में पास किए गए.
फिर से विचार करने को कहा
ममता ने पीएम से आग्रह किया है कि नए सांसदों को इसपर चर्चा करने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए जल्दबाजी से इन कानूनों को पास किया गया है जिससे बड़ी संख्या में आपत्ति व्यक्त की गई है. इसे देखते हुए नए सिरे से समीक्षा होनी चाहिए जिससे कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता और पारदर्शिता बनी रहेगी.
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