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5G Internet in Under Water Metro: हाल के कुछ वर्षों में भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों ने दुनिया में अपना लोहा मनवाया है. फिर चाहे वह चांद की बात हो, या फिर समुद्र का सीना चीरकर ब्रिज बनाना हो. अब इंजीनियरों ने एक और चमत्कार कर दिया है, जिसे देखकर कर दुनिया भारतीय इंजीनियरों की प्रतिभा की मिसाल देगी. देश में पहली बार नदी के नीचे सुरंग से मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है. इस सुरंग का उद्घाटन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
कोलकाता के नाम एक और रिकॉर्ड
इस सुरंग के उद्घाटन के साथ ही कोलकाता महानगर का नाम फिर मेट्रो सेवा को लेकर एक और उपलब्धियों में शामिल हो जायेगा. देश में पहली बार मेट्रो कोलकाता में ही दौड़ी थी और अब नदी के नीचे भी पहली मेट्रो सेवा की शुरुआत इसी महानगर में होने जा रही है.
यह मेट्रो टनल भारत में किसी भी नदी के नीचे बनी पहली सुरंग है, जहां हुगली नदी के तल से 32 मीटर नीचे मेट्रो दौड़ेगी. हुगली नदी के नीचे चलने वाली देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो रेल हावड़ा को कोलकाता से कनेक्ट करेगी. इससे लोगों का आने-जाने का समय तो कम होगा ही, साथ ही यह सफर भी रोमांच से भरा होगा.
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के अंतर्गत हुआ है सुरंग का निर्माण
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर पर काम किसी भी बड़ी चुनौती से कम नहीं था. यह परियोजना कई बार विभिन्न कारणों की वजह से बाधित हुई. कोलकाता मेट्रो का काम कई चरणों में आगे बढ़ा है. मौजूदा चरण में महानगर के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के लिए नदी के नीचे सुरंग बनायी गयी है. यहीं से होकर अंडरवाटर मेट्रो को गुजरना है.
जानकारी के मुताबिक, हावड़ा मैदान-एस्प्लानेड मेट्रो टनल भारत में किसी भी नदी के नीचे बनी पहली सुरंग है. इसके साथ ही हावड़ा मेट्रो स्टेशन अब भारत का सबसे गहराई में स्थित मेट्रो स्टेशन बन गया है. यहां माझेरहाट मेट्रो स्टेशन भी इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है, जहां पर रेलवे ट्रैक को प्लेटफार्म के ठीक ऊपर बनाया गया है. ऐसा यह एकमात्र मेट्रो स्टेशन होगा.
520 मीटर लंबी है देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो की सुरंग
हावड़ा से एस्प्लानेड तक का रास्ता करीब 4.8 किलोमीटर लंबा है. इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है. इस प्रोजेक्ट में अंडरग्राउंड पूरी टनल करीब 10.8 किलोमीटर लंबी है, जो हावड़ा मैदान से फूलबागान तक है. हुगली नदी के नीचे 33 मीटर की गहराई के साथ हावड़ा मेट्रो स्टेशन देश का सबसे गहरा स्टेशन होगा. पानी के नीचे 520 मीटर की दूरी तय करने में यात्रियों को काफी कम समय लगेगा.
पानी के नीचे भी मिलेगी 5जी इंटरनेट सेवा
अंडरवाटर मेट्रो में भी यात्रियों की सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है. यहां यात्रियों को 5जी इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी. बता दें, इस मेट्रो टनल का काम 2017 में शुरू हुआ था. पानी के नीचे टनल बनाने के लिए हजारों टन मिट्टी भी निकाली गयी है. अधिकारियों का दावा है कि अंडरवाटर मेट्रो टनल में पात्री की एक बूंद भी प्रवेश नहीं कर सकती है.
होंगे ये फायदे
- सड़कों पर भीड़ होगी कम
- पानी के नीचे मेट्रो चलने से कोलकाता और हावड़ा की दूरी होगी कम
- शहरी परिवहन आधारित संरचना का विकास
- कोलकाता और हावड़ा के लोगों के लिए आवाजाही और जीवनयापन में होगी आसानी
- शहरी और उपनगरीय यात्रियों की यात्रा के समय में आएगी कमी
- पर्यावरण अनुकूल परिवहन से कार्बन उत्सर्जन होगा कम