Kolkata news, West Bengal news : कोलकाता : कोलकाता में निजी बसें इन दिनों सड़कों से नदारद है. इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ईंधन के बढ़ते दामों और कोविड-19 (Covid-19) के कारण कम यात्रियों को बिठाने की पाबंदी से हुए नुकसान के कारण काफी संख्या में कोलकाता की सड़कों पर निजी बसें नहीं दिख रही है. निजी बसों के नहीं चलने से सोमवार (29 जून, 2020) को यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.

निजी बसों से जुड़े संगठन किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. यात्रियों ने महानगर और उसके उपनगरों में कम निजी बसों के परिचालन के कारण पिछले सप्ताह की तुलना में अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी की शिकायत की है. 8 जून, 2020 को अनलॉक-1 शुरू होने के बाद से ही सार्वजनिक परिवहन के अभाव के कारण यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Also Read: कोरोना महामारी के बीच इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आरोग्य संदेश की बिक्री करने की तैयारी में पश्चिम बंगाल सरकार

8 जून, 2020 को अधिकतर सरकारी व निजी कार्यालय एवं प्रतिष्ठान फिर से खोल दिये गये थे. शहर और जिलों में निजी बस ऑपरेटरों के सबसे बड़े संघों में से एक बस सिंडिकेट्स संयुक्त परिषद ने कहा कि वर्तमान किराया व्यवस्था सही नहीं है.

संघ के महासचिव तपन बनर्जी ने कहा कि ईंधन के ऊंचे दामों और यात्रियों की संख्या सीमित रखने के सरकार के निर्देशों ने बस परिवहन सेवाओं को चरमरा दिया है. टिकटों की इतनी बिक्री भी नहीं हो रही कि ईंधन का खर्च निकल जाये, वहीं दूसरे खर्चों की बात तो छोड़ ही दीजिए. ईंधन के दामों में केवल 3 सप्ताह के अंदर सोमवार (29 जून, 2020) को 22वीं बार वृद्धि हुई है.

अखिल बंगाल बस- मिनी बस समन्वय समिति के महासचिव राहुल चटर्जी के अनुसार, राज्य में लगभग 27 हजार निजी बसें हैं. अधिकारियों ने कहा है कि पिछले सप्ताह से लगभग 25 प्रतिशत बसें चल रही हैं. हालांकि, राज्य के परिवहन उपक्रम डब्ल्यूबीटीसी (WBTC) के प्रबंधन निदेशक राजनवीर सिंह कपूर का कहना है कि बसें पूरी संख्या में चल रही हैं.

Posted By : Samir ranjan.