बंगाल में भाजपा को रोकने के लिए माकपा व कांग्रेस की जरूरत नहीं : कुणाल

तृणमूल के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “तृणमूल ही एक ऐसी पार्टी है, जो भाजपा और उसकी नीतियों का बखूबी विरोध ही नहीं कर रही है, बल्कि उसे बंगाल में हराने में सफल रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 8, 2024 12:31 AM

संवाददाता, कोलकाता

तृणमूल के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “तृणमूल ही एक ऐसी पार्टी है, जो भाजपा और उसकी नीतियों का बखूबी विरोध ही नहीं कर रही है, बल्कि उसे बंगाल में हराने में सफल रही है. राज्य में हुए गत चुनावों में माकपा और कांग्रेस ने मिलकर वोट बंटवारा की राजनीति करके, एक तरह से भाजपा को फायदा पहुंचाने की कोशिश की.

हालांकि, उनकी यह कोशिश सफल नहीं हुई. बंगाल में भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल को माकपा और कांग्रेस के सहयोगी की जरूरत नहीं है. भाजपा वर्ष 2021 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव हारी, वर्ष 2023 में पंचायत चुनाव हारी और इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में बंगाल में तृणमूल की सीटें बढ़ीं, जबकि भाजपा की सीटें कम हो गयीं. पश्चिम बंगाल में जो मॉडल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को रोकने के लिए खड़ा किया है, उसी तरह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भाजपा को रोका जा सके. बंगाल में भाजपा को हमने (तृणमूल ने) रोका, तो झारखंड में हेमंत सोरेन ने रोका. लेकिन जहां पर कांग्रेस की बात आती है, वहां उनको इस पर विचार विमर्श करना चाहिए कि क्यों महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस को शिकस्त मिली.”

बांग्लादेश मामले पर केंद्र सरकार उठाये कदम :

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने कहा कि “हम (तृणमूल) लोग बार-बार बोल रहे हैं कि जो बांग्लादेश में हो रहा है, वह बहुत ही दुखद है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि हम एक राज्य हैं. हमारा एक दायरा है. सीमा है. इस पर केंद्र सरकार कदम उठाये, हम उनके फैसले और उठाये गये कदम का समर्थन करेंगे, लेकिन अभी तक इस पर केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया और न ही संसद में कोई बात उठायी है. यह केंद्र की भाजपा सरकार की जिम्मेदारी है.”

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