जारी रहेगी राज्य में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल
देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने आरजी कर कांड को लेकर देशभर के आंदोलनकारी चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील की है. इसके बावजूद आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के आंदोलनकारी डॉक्टर हड़ताल वापस नहीं लेना चाह रहे हैं.
जूनियर डॉक्टरों ने गवर्निंग बॉडी की बैठक में लिया फैसला
कोलकाता पुलिस के सीपी को पद से हटाने की मांग पर अड़े
संवाददाता, कोलकातादेश के मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने आरजी कर कांड को लेकर देशभर के आंदोलनकारी चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील की है. इसके बावजूद आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के आंदोलनकारी डॉक्टर हड़ताल वापस नहीं लेना चाह रहे हैं. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों का कहना है कि वे अब भी धरने पर रहेंगे. इसके साथ ही वे सरकारी अस्पतालों में आउटडोर और इनडोर विभाग में कार्य नहीं करेंगे. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हुई जूनियर डॉक्टरों की गर्वनिंग बॉडी (जीबी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया. जानकारी के अनुसार अब जूनियर डॉक्टरों की ओर से कोलकाता पुलिस के आयुक्त विनीत गोयल को उनके पद से हटाने की मांग की जा रही है. बता दें कि गुरुवार को आरजी कर मामले की दूसरी सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एक बार फिर डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा : एम्स के डॉक्टर 13 दिनों से काम नहीं कर रहे हैं. मैं उनसे कहूंगा, कृपया काम पर वापस जायें. उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपके खिलाफ कोई कार्रवाई न हो. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से एक पोर्टल खोलने को कहा है. वहां सलाह दी जा सकती है. नेशनल टास्क फोर्स विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों और छात्रों के सुझाव लेगी. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार की सुनवाई में अस्पतालों के सुरक्षा ढांचे में आमूलचूल बदलाव करने का आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का प्रस्ताव दिया. इसके बाद दिल्ली में एम्स के डॉक्टरों ने आंदोलन वापस लेने का फैसला किया. पर आरजी कर के जूनियर डॉक्टर अपने फैसले पर अड़े हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलन जारी रहेगा. गौरतलब है कि गत नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की जूनियर महिला डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम से बरामद किया गया था. आरोप है कि उससे दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी. इस घटना के बाद देशभर में विरोध फैल गया. डॉक्टर चिकित्सा सेवाएं बंद कर हड़ताल पर हैं.एक नजर महानगर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों पर :
कोलकाता में एसएसकेएम (पीजी), कोलकाता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज, नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर धरना दे रहे हैं. हालांकि इन मेडिकल कॉलेजों के सीनियर डॉक्टर्स इनडोर और आउटडोर विभाग में मरीजों की चिकित्सा कर रहे हैं. इसी तरह सीनियर मेडिकल ऑफिसर्स ही आपातकालीन विभाग भी चला रहे हैं. ऐसे में पहले की तुलना में कोलकाता समेत राज्य भर के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अन्य अस्पतालों की स्थिति सामान्य है. पर जूनियर डॉक्टरों के कार्य नहीं करने के कारण सीनियर डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टॉफ को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है