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समाज के उपेक्षित बच्चों के कल्याण के लिए एक समर्पित मूवमेंट है ”जागो” : एसओए उपाध्यक्ष

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कोलकाता/भुवनेश्वर. शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (एसओए) के छात्रों से जुड़ा एक आंदोलन ‘जागो’ समाज के सबसे निचले तबके के बच्चों के कल्याण के लिए समर्पित है. यह जानकारी एसओए उपाध्यक्ष सुश्री सास्वती दास ने दी. उन्होंने कहा कि यह एक चुनौती है और इसका उद्देश्य उन बच्चों का समग्र विकास करना है, जो अपनी परिस्थितियों के कारण उपेक्षित हैं. उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइटीईआर) में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां विश्वविद्यालय में विभिन्न श्रेणियों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के नये बैच ने भाग लिया. नये छात्रों का स्वागत करते हुए, उन्होंने विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई जारी रखने वालों को सामाजिक कार्यों और समाज को लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों में गहरी दिलचस्पी लेने के लिए धन्यवाद दिया. सुश्री दास ने कहा कि गरीबी के कारण अक्सर दुर्लभ प्रतिभाएं लुप्त हो जाती हैं, लेकिन जागो का उद्देश्य ऐसे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना और उनके व्यक्तित्व को आकार देना है. इस कार्यक्रम में एसओए के कुलपति प्रोफ़ेसर प्रदीप्त कुमार नंदा ने कहा कि जुलाई 2007 में डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के तुरंत बाद ‘जागो’ की शुरुआत की गयी थी. उन्होंने कहा कि इस मूवमेंट में शामिल छात्र जिम्मेदार नागरिक बन रहे हैं. कार्यक्रम को इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और एसयूएम अस्पताल की डीन प्रोफेसर (डॉ.) संघमित्रा मिश्रा, इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज की डीन प्रोफेसर (डॉ.) नीता मोहंती, आइटीईआर की एडिशनल डीन (छात्र मामले) प्रोफेसर रेणु शर्मा और जागो की मेंटर प्रोफेसर अनीता पांडा ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर आइटीईआर के डीन प्रोफेसर पीके साहू, आइटीईआर के निदेशक प्रोफेसर मानस कुमार मलिक और आइएमएस और एसयूएम अस्पताल के प्रोफेसर (डॉ.) बसंत कुमार पति मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

कोलकाता/भुवनेश्वर. शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (एसओए) के छात्रों से जुड़ा एक आंदोलन ‘जागो’ समाज के सबसे निचले तबके के बच्चों के कल्याण के लिए समर्पित है. यह जानकारी एसओए उपाध्यक्ष सुश्री सास्वती दास ने दी. उन्होंने कहा कि यह एक चुनौती है और इसका उद्देश्य उन बच्चों का समग्र विकास करना है, जो अपनी परिस्थितियों के कारण उपेक्षित हैं. उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइटीईआर) में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां विश्वविद्यालय में विभिन्न श्रेणियों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के नये बैच ने भाग लिया. नये छात्रों का स्वागत करते हुए, उन्होंने विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई जारी रखने वालों को सामाजिक कार्यों और समाज को लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों में गहरी दिलचस्पी लेने के लिए धन्यवाद दिया. सुश्री दास ने कहा कि गरीबी के कारण अक्सर दुर्लभ प्रतिभाएं लुप्त हो जाती हैं, लेकिन जागो का उद्देश्य ऐसे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना और उनके व्यक्तित्व को आकार देना है. इस कार्यक्रम में एसओए के कुलपति प्रोफ़ेसर प्रदीप्त कुमार नंदा ने कहा कि जुलाई 2007 में डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के तुरंत बाद ‘जागो’ की शुरुआत की गयी थी. उन्होंने कहा कि इस मूवमेंट में शामिल छात्र जिम्मेदार नागरिक बन रहे हैं. कार्यक्रम को इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और एसयूएम अस्पताल की डीन प्रोफेसर (डॉ.) संघमित्रा मिश्रा, इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज की डीन प्रोफेसर (डॉ.) नीता मोहंती, आइटीईआर की एडिशनल डीन (छात्र मामले) प्रोफेसर रेणु शर्मा और जागो की मेंटर प्रोफेसर अनीता पांडा ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर आइटीईआर के डीन प्रोफेसर पीके साहू, आइटीईआर के निदेशक प्रोफेसर मानस कुमार मलिक और आइएमएस और एसयूएम अस्पताल के प्रोफेसर (डॉ.) बसंत कुमार पति मौजूद थे.

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