बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन तैनात करने की मुख्यमंत्री ने की मांग

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चिंता जतायी और केंद्र से पड़ोसी देश में शांति मिशन तैनात करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का अनुरोध किया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 3, 2024 1:04 AM

ममता ने पड़ोसी देश में सताए गये भारतीयों को वापस लाने की पीएम से की अपील

संवाददाता, कोलकातामुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चिंता जतायी और केंद्र से पड़ोसी देश में शांति मिशन तैनात करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को संयुक्त राष्ट्र से शांति सेना भेजने की अपील करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश में सताये गये भारतीयों को वापस लाने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की. सुश्री बनर्जी ने यह भी मांग की कि विदेश मंत्री को बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर भारत के रुख से संसद को अवगत कराना चाहिए. उन्होंने कहा, अगर प्रधानमंत्री मोदी खुद यह काम करने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं, तो विदेश मंत्री का बयान वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान आना चाहिए. विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय मुद्दों पर टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, क्योंकि पश्चिम बंगाल देश की संघीय व्यवस्था में केवल एक राज्य है. उन्होंने कहा: हाल के घटनाक्रम और जिन लोगों के बांग्लादेश में रिश्तेदार और ठिकाने हैं, उनके द्वारा बताये गये अनुभव, हमारी तरफ से आने वाले लोगों की गिरफ्तारी और यहां इस्कॉन के प्रतिनिधियों के साथ मेरी बातचीत के मद्देनजर मुझे इस सदन में यह बयान देने के लिए मजबूर होना पड़ा है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस विषय पर आधिकारिक तौर पर टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. ऐसे में विदेश मंत्रालय से उनकी अपील है कि वह बांग्लादेश प्रशासन के साथ यह मुद्दा उठाये और यदि जरूरी हो तो संयुक्त राष्ट्र के सामने भी यह विषय रखे. उन्होंने कहा कि यदि जरूरी हो तो, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ बातचीत कर सामान्य स्थिति की बहाली में मदद के लिए वहां अंतरराष्ट्रीय शांति बल भी भेजा जाये .उन्होंने कहा कि सताए गये भारतीयों को बचाकर सीमा के इस तरफ लाने एवं उनका पुनर्वास करने की तत्काल जरूरत है. उन्होंने कहा: यदि जरूरत पड़ी तो हम उन भारतीयों का पुनर्वास भी कर सकते हैं, जिनपर बांग्लादेश में हमला हुआ है. यदि जरूरत पड़ी तो हमें उनके साथ एक रोटी साझा करने में कोई दिक्कत नहीं है. उनके लिए अनाज की कोई कमी नहीं होगी. सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह चाहती हैं कि बांग्लादेश और अन्य देशों के सभी समुदायों के बीच सद्भाव, भाईचारा और सौहार्दपूर्ण संबंध बना रहे. सीएम ने केंद्र सरकार पर सीमा की दूसरी ओर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के बावजूद ‘पिछले 10 दिन से चुप रहने’ का आरोप लगाया.

सीएम का बयान पीएमओ को भेजने की तैयारी

विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि, सीएम द्वारा सदन में दिये गये बयान को अंग्रेजी में अनुवाद प्रस्ताव के तौर पर प्रधानमंत्री को भेजा जायेगा. हालांकि. इससे पहले इसे लेकर सीएम के साथ वह चर्चा करेंगे. इसके बाद प्रस्ताव को केंद्र के पास भेजा जायेगा.

सीएम ने राज्य भाजपा पर साधा निशाना

बांग्लादेश के मुद्दे पर सीएम ने सदन में राज्य के भाजपा नेताओं पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि स्थानीय भाजपा नेता अपने केंद्रीय नेतृत्व से बांग्लादेश की स्थिति में केंद्र से सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करने के लिए क्यों नहीं कहते? कुछ भाजपा नेता हमारी सीमाओं पर माल की आवाजाही बंद करने की मांग कर रहे हैं. माना जा रहा है कि सीएम का इशारा नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की ओर था. हाल में ही श्री अधिकारी ने केंद्र से पेट्रापोल सीमा को बंद करने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय सीमा समझौतों के मुताबिक माल की आवाजाही पर रोक लगाना हमारे हाथों में नहीं है. हम बस केंद्र द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ही कदम उठा सकते हैं. उधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने हिंदू संतों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पेट्रापोल सीमा की ओर जाते समय कहा, उनके पास अपने सांसद हैं, जिन्हें संसद में इस मामले को उठाना चाहिए, जो उनकी सही राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतिबिंब होगा. यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि बांग्ला भाषी हिंदुओं के अस्तित्व का संकट है, और मुख्यमंत्री को राजनीति से ऊपर उठकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह जब वह और अन्य प्रदर्शनकारी बांग्लादेश उच्चायोग की ओर कूच कर रहे थे तब राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अपनी पुलिस से बैरीकेड लगवा दिया. हालांकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति सैन्य मिशन की तैनाती की बनर्जी की मांग का समर्थन किया एवं दावा किया कि दो-तीन दिन पहले उन्होंने भी यह मांग की थी.

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