कलकत्ता विवि में संविदा शिक्षकों की होगी नियुक्ति
गुड न्यूज. एक कमेटी का किया गया गठन
गुड न्यूज. एक कमेटी का किया गया गठन कोलकाता. कलकत्ता विश्वविद्यालय में चार वर्षीय बीटेक कार्यक्रम के लिए संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभागों के शिक्षकों द्वारा अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति या पर्याप्त कक्षाओं की व्यवस्था किये बिना सभी बीटेक सीटों को चार साल के कार्यक्रम में लाने के दौरान योजना की कमी का अधिकारियों पर आरोप लगाने के बाद कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया. सीयू के रजिस्ट्रार देबाशीष दास ने बताया कि उन्होंने संकट पर ध्यान दिया और कमेटी का गठन किया. सिंडिकेट बैठक के एजेंडे में एक बिंदु संविदा शिक्षकों की भर्ती के संबंध में रासायनिक प्रौद्योगिकी विभाग के हेड ने अपील की थी, क्योंकि विभाग संकाय सदस्यों की भारी कमी का सामना कर रहा है. उन्हें संकाय की कमी के बारे में अन्य विभागों से प्रतिक्रिया मिली है. कमेटी को इस मुद्दे पर तत्काल विचार करने के लिए कहा गया है. सिंडिकेट ने कमेटी से बीटेक सीटों की संख्या में वृद्धि के बाद जगह की कमी को दूर करने के लिए भी कहा है. विश्वविद्यालय ने इस वर्ष चार वर्षीय बीटेक कार्यक्रम में छात्रों की संख्या 253 से बढ़ाकर 414 कर दी है. रजिस्ट्रार ने कहा कि हम चाहते हैं कि कमेटी शिक्षकों से बात करे और हमें बताये कि कितने संविदा शिक्षकों की भर्ती की जानी चाहिए. हम जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति करना चाहते हैं. चूंकि छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है, अगर अधिक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गयी तो छात्रों को नुकसान होगा. कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रमुख संखायन चौधरी ने कहा कि चार वर्षीय बीटेक कार्यक्रम की प्रथम वर्ष की कक्षाएं संविदा शिक्षकों द्वारा ली जाती हैं. सीटों की संख्या बढ़ने के बावजूद ऐसे शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है. पूर्णकालिक कुलपति के अभाव में विश्वविद्यालय स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति करने की स्थिति में नहीं है. जब तक विश्वविद्यालय संविदा शिक्षकों को नियुक्त करना जारी रखेगा, उसे अपने खजाने से भुगतान करना होगा, जो कि कम होता जा रहा है. सीयू को 2015 में चार वर्षीय बीटेक कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद से स्थायी पद सृजित करने के लिए शिक्षा विभाग से बात करनी चाहिए थी.
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