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Calcutta High Court : पश्चिम बंगाल के नदिया के राणाघाट की एक पूजा कमेटी इस बार 112 फुट ऊंची दुर्गा प्रतिमा का निर्माण करने की योजना बनायी है, हालांकि पुलिस ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया है. इसके खिलाफ राणाघाट के कमालपुर स्थित अभिषान संघ ने कलकत्ता हाइकोर्ट का रूख किया था, जिस पर बुधवार को सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य ने जिले के डीएम को इस संबंध में निर्णय लेने का आदेश दिया. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि नदिया जिले के डीएम गुरुवार को दोपहर बजे तक इस संबंध में निर्णय लेकर अदालत को सूचित करेंगे और इसके बाद गुरुवार शाम को कलकत्ता हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी और डीएम के निर्णय के आधार हाइकोर्ट अपना फैसला सुनायेगी.
हाइकोर्ट ने नदिया जिले के डीएम को गुरुवार दोपहर तक निर्णय लेने का दिया आदेश
गौरतलब है कि राणाघाट के कमालपुर इलाके में स्थित अभिषान संघ इस वर्ष 112 फुट ऊंची दुर्गा प्रतिमा बनाने की तैयारी में जुटा है. पूजा कमेटी का दावा है कि बंगाल में इतनी बड़ी प्रतिमा अब तक नहीं बनी है. पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है. लेकिन आवेदन करने पर पुलिस पूजा के लिए अनुमति नहीं दे रही है.पूजा कमेटी की ओर से वकील विकास रंजन भट्टाचार्य और फिरदौस शमीम ने कहा कि क्लब लगभग 50 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रहा है. किसी भी वर्ष अनुमति को लेकर कोई समस्या नहीं हुई. इस वर्ष 112 फीट ऊंची दुर्गा प्रतिमा बनाने की योजना है, जो एक मिसाल कायम कर सकता है. लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा पंडाल को अनुमति नहीं देने की घोषणा के बाद पुलिस ने जाकर पंडाल का निर्माण रुकवा दिया. इसलिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है.
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पुलिस ने अनुमति देने से कर दिया है इंकार
वहीं, पुलिस का कहना है कि इतनी बड़ी प्रतिमा बनने से यहां लोगों की भारी भीड़ जुट सकती है. इससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. प्रशासन कोई जोखिम उठाना नहीं चाहता. इसलिए पूजा की अनुमति नहीं दी जा रही है. पुलिस ने वर्ष 2015 में देशप्रिय पार्क का हवाला देते हुए बताया कि कमेटी ने 88 फुट की दुर्गा प्रतिमा बनायी थी, जिसे देखने के लिए इतनी भीड़ उमड़ी कि उसे संभालने में पुलिस के पसीने छूट गये थे. अंतत: नवरात्रि के दौरान बीच में ही पुलिस प्रशासन ने प्रतिमा दर्शन बंद करा दिया था.
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अदालत अगली सुनवाई के दिन उस पर करेगी विचार
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य ने कहा कि इतने दिनों के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने अब तक कोई निर्णय क्यों नहीं लिया? वे पहले ही बता सकते थे कि अनुमति मिलेगी या नहीं. इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि कोर्ट 24 घंटे का समय दे रहा है, जिसके भीतर जिला मजिस्ट्रेट को इस पूजा के बारे में फैसला लेना होगा. उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि जिला मजिस्ट्रेट जो निष्पक्ष निर्णय नहीं लेंगे, अदालत अगली सुनवाई के दिन उस पर विचार करेगी.
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