मंतेश्वर में भाजपा बूथ अध्यक्ष की हत्या, तृणमूल पर आरोप, घटना को लेकर इलाके में उत्तेजना
13 मई के मतदान के एक रात पहले जिले के केतुग्राम में एक तृणमूल कार्यकर्ता की बम मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं भाजपा के लोगों का आरोप है की हमारे बूथ अध्यक्ष की हत्या कर शव को तृणमूल के लोगों ने फांसी से झूला दिया था. हालांकि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस घटना से तृणमूल का कोई लेना देना नहीं है.
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बर्दवान/पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के चौथे चरण के मतदान के समाप्त होने के बाद हिंसा की घटना लगातार सामने आ रही है. गुरुवार को जिले के मंतेश्वर थाना के शेलिया ग्राम में मंतेश्वर तीन नंबर मंडल के बूथ संख्या 168 के भाजपा बूथ अध्यक्ष की हत्या की घटना को लेकर स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष देखा गया. आज सुबह मृतक भाजपा के बूथ अध्यक्ष अभिजीत राय का शव उनके घर के बाहर पड़ा मिला. पुलिस ने प्राथमिक तौर पर अस्वाभाविक मौत का मामला दायर किया है. जबकि भाजपा के लोगों का आरोप है की अभिजीत राय की तृणमूल के समर्थकों ने रात के अंधेरे में हत्या की है.
घटना को लेकर इलाके में उत्तेजना
हत्या की घटना को लेकर स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में घोर रोष देखा जा रहा है. मालूम हो की 13 मई को मतदान के दिन ही मंतेश्वर पहुंचे बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा सीट से खड़े भाजपा प्रार्थी दिलीप घोष के कनवय पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था. आज भाजपा के कार्यकर्ता का शव मिलने से एक बार फिर मंतेश्वर में माहौल गरमा गया है. पुलिस का कहना है की उक्त भाजपा कार्यकर्ता की मौत कैसे हुई है यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चल पाएगा. स्थानीय लोगों का कहना है की चुनाव बाद हिंसा की घटनाएं लगातार समाने आ रही है.
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केतुग्राम में एक तृणमूल कार्यकर्ता की बम मारकर हत्या
इसके पूर्व 13 मई के मतदान के एक रात पहले जिले के केतुग्राम में एक तृणमूल कार्यकर्ता की बम मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं भाजपा के लोगों का आरोप है की हमारे बूथ अध्यक्ष की हत्या कर शव को तृणमूल के लोगों ने फांसी से झूला दिया था. हालांकि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस घटना से तृणमूल का कोई लेना देना नहीं है. अभिजीत की मौत पारिवारिक अशांति के कारण हुई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. घटना के प्रतिवाद में भाजपा कार्यकताओं ने मंतेश्वर थाना के समक्ष धरना पर बैठ कर विक्षोभ जाता रहे है.