16.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 07:12 am
16.1 C
Ranchi
HomeRajyaWest Bengalअवैध निर्माण पर नकेल को कानून में संशोधन जरूरी : फिरहाद हकीम

अवैध निर्माण पर नकेल को कानून में संशोधन जरूरी : फिरहाद हकीम

- Advertisment -

कोलकाता. महानगर के गार्डेनरीच में अवैध इमारत के ढहने की घटना के बाद भी अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है. कोलकाता नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण तोड़े जाने के बाद भी दोबारा वह इमारत बना ली जा रही है. निगम को कई जगहों से ऐसी शिकायतें मिली हैं. इस संबंध शनिवार को मेयर फिरहाद हकीम से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि निगम के भवन निर्माण कानून को और मजबूत बनाने जरूरत है. कानून की तकनीकी खामियों के चलते प्रमोटरों को जमानत मिल जाती है. निगम के बिल्डिंग विभाग के धारा 401 (ए) में संशोधन की जरूरत है. वर्तमान कानून के तहत अवैध निर्माण के आरोपी प्रमोटर को सात साल से कम दिन का कैद का प्रावधान है. ऐसे में इस कानून के तहत गिरफ्तार होने वाले प्रमोटर को एक से दो दिन के भीतर ही जमानत मिल जाती है. सात साल से अधिक की सजा होने पर गैर जमानती वारंट के तहत गिरफ्तारी होगी. इसलिए उक्त कानून में संशोधन की जरूरत है. इसके लिए जल्द ही राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा. मेयर ने कहा कि विधानसभा के वर्तमान मॉनसून सत्र में संशोधन संभव नहीं है, क्योंकि पहले इसे कैबिनेट में पारित कराया जायेगा. इसलिए विधानसभा के अगले सत्र में कानून में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया जायेगा. मेयर ने कहा कि कोलकाता में कहां अवैध निर्माण हो रहा है, इस पर नजर रखना पुलिस के लिए भी असंभव है. क्योंकि पुलिस को कानून व्यवस्था से संबंधित अन्य कामकाज भी करना पड़ता है. अवैध निर्माण पर निगरानी के लिए हर घर के सामने पुलिस तैनात करना संभव नहीं है. इतने पुलिसकर्मी हमारे पास नहीं है. इसलिए कई जगहों पर नजर रखने के लिए गार्ड तैनात करने की योजना बनायी गयी है. वे हमें अवैध निर्माण की सूचना देंगे, जिसके आधार पर थाने में शिकायत दर्ज करायी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

कोलकाता. महानगर के गार्डेनरीच में अवैध इमारत के ढहने की घटना के बाद भी अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है. कोलकाता नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण तोड़े जाने के बाद भी दोबारा वह इमारत बना ली जा रही है. निगम को कई जगहों से ऐसी शिकायतें मिली हैं. इस संबंध शनिवार को मेयर फिरहाद हकीम से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि निगम के भवन निर्माण कानून को और मजबूत बनाने जरूरत है. कानून की तकनीकी खामियों के चलते प्रमोटरों को जमानत मिल जाती है. निगम के बिल्डिंग विभाग के धारा 401 (ए) में संशोधन की जरूरत है. वर्तमान कानून के तहत अवैध निर्माण के आरोपी प्रमोटर को सात साल से कम दिन का कैद का प्रावधान है. ऐसे में इस कानून के तहत गिरफ्तार होने वाले प्रमोटर को एक से दो दिन के भीतर ही जमानत मिल जाती है. सात साल से अधिक की सजा होने पर गैर जमानती वारंट के तहत गिरफ्तारी होगी. इसलिए उक्त कानून में संशोधन की जरूरत है. इसके लिए जल्द ही राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा. मेयर ने कहा कि विधानसभा के वर्तमान मॉनसून सत्र में संशोधन संभव नहीं है, क्योंकि पहले इसे कैबिनेट में पारित कराया जायेगा. इसलिए विधानसभा के अगले सत्र में कानून में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया जायेगा. मेयर ने कहा कि कोलकाता में कहां अवैध निर्माण हो रहा है, इस पर नजर रखना पुलिस के लिए भी असंभव है. क्योंकि पुलिस को कानून व्यवस्था से संबंधित अन्य कामकाज भी करना पड़ता है. अवैध निर्माण पर निगरानी के लिए हर घर के सामने पुलिस तैनात करना संभव नहीं है. इतने पुलिसकर्मी हमारे पास नहीं है. इसलिए कई जगहों पर नजर रखने के लिए गार्ड तैनात करने की योजना बनायी गयी है. वे हमें अवैध निर्माण की सूचना देंगे, जिसके आधार पर थाने में शिकायत दर्ज करायी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां.

- Advertisment -

अन्य खबरें

- Advertisment -
ऐप पर पढें