Lucknow: बहुजन समाज पार्टी ने यूपी निकाय चुनाव पूरे दमखम से लड़ने का ऐलान किया है. पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी पूरी तैयारी के साथ प्रदेश में निकाय चुनाव लड़ेगी. हालांकि उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था से लोग नाखुश हैं, क्योंकि जो सीटें आरक्षित की गई हैं, उसमें नियमों को ताक पर रख दिया गया है.

बसपा सुप्रीमो ने ईवीएम के बजाय बैलेट पेपेर से चुनाव कराने की मांग की. इससे पहले समाजवादी पार्टी भी ये मांग कर चुकी है. इस तरह मायावती ने बैलेट पेपर से निकाय चुनाव कराने को लेकर सपा की मांग का समर्थन किया है. वहीं उन्होंने कहा ​कि चुनाव निष्पक्ष होने चाहिए.

दलितों-पिछड़ों का रखा जाएगा पूरा ध्यान

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी निकाय चुनाव में सर्व समाज विशेषकर दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के हितों का हर मामले में प्राथमिकता के आधार पर पूरा ध्यान रखेगी. मायावती ने कहा कि बसपा इन वर्गों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कटिबद्ध है.

लोकसभा चुनाव के कारण आरक्षण व्यवस्था को ताक में रखा

बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि निकाय चुनाव में आरक्षण व्यवस्था को इसलिए ताक पर रखा गया, जिससे सत्ता पक्ष आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में इसका लाभ उठा सके. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में दलितों की स्थिति और बेरोजगारी की दशा किसी से छिपी नहीं है. उन्होंने कहा कि स्थिति को बेहतर बताने के लिए यहां निकाय स्तर पर ईमानदार जनप्रतिनिधि की जरूरत है. दलितों को आगे आकर भूमिका निभानी होगी. सत्ता पक्ष के किसी भी दबाव में नहीं आकर लोगों को अपना वोट देना है. उन्होंने भाजपा के पसमांदा वर्ग पर ध्यान केंद्रित करने पर भी सवाल उठाए और कहा कि पसमांदा वर्ग पहले मुसलमान है और ये लोग मुसलमानों को लेकर भाजपा की संकीर्ण सोच से अच्छी तरह वाकिफ हैं.

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शाइस्ता को पार्टी से निकालने का फैसला अभी नहीं

इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का प्रयागराज से मेयर का टिकट काटने की बात कही. शाइस्ता परवीन प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में नामजद है और उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया जा चुका है. इससे पहले पार्टी की ओर से शाइस्ता परवीन को मेयर पद के प्रत्याशी के तौर पर प्रस्तुत किया गया था.

बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को कहा कि शाइस्ता परवीन के फरार होने से परिस्थितियां बदल गई हैं. ऐसी स्थिति में अब हमारी पार्टी ना तो शाइस्ता परवीन और ना ही इस परिवार के किसी अन्य सदस्य को मेयर का टिकट देगी. उन्होंने कहा कि जहां तक शाइस्ता परवीन को पार्टी में रखने या ना रखने का सवाल है, तो उसके पुलिस गिरफ्त में आते ही जो भी इस केस के बारे में तथ्य उभरकर सामने आएंगे, उसे देखकर अंतिम फैसला किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी कानून से ऊपर नहीं है. बसपा कानून का पूरा सम्मान करती है.