UP By-Election 2024: मैनपुरी जिला स्थित करहल विधानसभा क्षेत्र के चुनावी रण में यादव मतदाताओं का समर्थन पाने को लेकर घमासान मचा हुआ है. चुनाव प्रचार बंद होने के बाद करहल विधानसभा सीट का समीकरण उलझा हुआ नजर आ रहा है. भाजपा ने सैफई परिवार के रिश्तेदार अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाकर सेंधमारी का दांव चलाया है. अनुजेश की पत्नी संध्या यादव, सपा सासंद धर्मेंद्र यादव की बहन हैं और वह प्रचार में उतरी हुईं थी. उनके साथ संध्या की सास पूर्व विधायक उर्मिला यादव भी गांव-गांव वोटों के लिए पसीना बहा रही थी. सास-बहू की जोड़ी ने यादव मतदाताओं के समीकरणों में हलचल मचा दी है. इससे सैफई परिवार भी बेचैन हो गया है.

जानें करहल विधानसभा सीट का समीकरण

सपा का गढ़ कही जाने वाली करहल विधानसभा सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. यहां सवा लाख के करीब यादव मतदाता हैं. इस सीट पर 1985 के बाद से लगातार यादव चेहरों को ही जीत मिलती रही है. इसीलिए मैनपुरी जिले की यह विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार मुकाबला यादव बनाम यादव का है, वो भी यूपी के चर्चित यादव परिवार से ही जुड़े दोनों यादव मैदान में है.

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करहल सीट पर फूफा-भतीजे के बीच मुकाबला

इस बार भाजपा ने मुलायम सिंह के रिश्तेदार अनुजेश यादव को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं सपा ने अखिलेश यादव के भतीजे और पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव को टिकट दिया है. करहल का रण यादव-यादव के बीच होने के साथ-साथ फूफा-भतीजे के बीच भी है. बसपा ने शाक्य बिरादरी पर दांव खेला है. बसपा ने अवलीश शाक्य को मैदान में उतारा है. इसके अलावा सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी भी चुनाव में ताल ठोंक रहे हैं. सांसद चंद्रशेखर ने प्रदीप कुमार को मौदान में उतारा है. सियासी अतीत देखें तो करहल के मतदाताओं का मिजाज एक ही नेता पर बार-बार भरोसा जताने का रहा है. यहां वोटर्स ने किसी को दो-तीन बार तो किसी को पांच बार तक विधानसभा तक पहुंचाया है.

यहां जानें जातीय वोटरों का समीकरण

यादव- 1,25,000
शाक्य- 35,000
ठाकुर- 30,000
बघेल- 30,000
एससी- 22,000
ब्राह्मण- 16,000
वैश्य- 15,000
लोधी- 15,000