यूपी में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लगाने पर भारी सब्सिडी, 10 करोड़ रुपये तक अनुदान की व्यवस्था
पी में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग फूड प्रोसेसिंग पर आधारित सूक्ष्म इकाइयों के उन्नयन के लिये लगातार प्रयासकर रही है. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत लाभार्थी को परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है.
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लखनऊ: यूपी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का बड़ा केंद्र बन रहा है. यहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 लागू होने के बाद निवेशकों को कई तरह की छूट का प्रावधान किया गया है. इसमें सब्सिडी, ब्याज सबवेंशन, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी और प्रोत्साहन सब्सिडी को शामिल किया गया है. यही नहीं खाद्य प्रसंस्कण इकाई को सीधे अपने उत्पाद बेचने वालों को भी मंडी शुल्क और उपकर में छूट दी जा रही है.
एक से 10 करोड़ रुपये के अनुदान की व्यवस्था
यूपी सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम पांच करोड़ का अनुदान दे रही है. इसमें संयंत्र, मशीनरी और तकनीकी सिविल कार्य शामिल हैं. इसके अलावा परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ रुपये विस्तार, आधुनिकीकरण और उन्नयन के लिये दिये जा रहे हैं.
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इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन व अन्य परियोजना पर सब्सिडी
इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये भी परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रुपये अनुदान दिया जा रहा है. इसमें प्राथमिक उपकरण, प्लांट मशीनरी और 50 फ्रोजन इरेडिएशन सुविधाएं शामिल हैं.
इसी तरह कलेक्शन सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, ड्राई वेयरहाउस, मोबाइल प्री- कूलिंग यूनिट, रीफर ट्रक, आईक्यूएफ सुविधा वितरण केंद्र के लिये भी अनुदान दिया जा रहा है. साथ ही बैकवर्ड-फॉरवर्ड लिंकेज के तहत खुदरा दुकानों पर प्राथमिकता प्रसंस्करण केंद्र के विकास के लिये भी
सूक्ष्म इकाई लगाने पर 10 लाख रुपये का अनुदान
यूपी में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग फूड प्रोसेसिंग पर आधारित सूक्ष्म इकाइयों के उन्नयन के लिये लगातार प्रयासकर रही है. सरकार लोकल फॉर वोकल के जरिये नये स्टार्ट अप को बढ़ावा दे रही है. इसके लिये खाद्य प्रसंस्करण की छोटी इकाइयां भी स्थापित की जा रही हैं. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत लाभार्थी को परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है.
व्यक्तित या एनजीओ भी कर सकते हैं आवेदन
इस योजना के लिये व्यक्तिगत लाभार्थी, एफपीओ, स्वयं सहायता समूह, साझेदारी फर्म या एनजीओ भी आवेदन कर सकते हैं. इसमें आलू, आम,अचार बाजरा आधारित उत्पाद यूनिट, मत्स्य पालन प्रसंस्करण यूनिट, मुर्गी पालन प्रसंस्करण यूनिट, मिल्क पाउडर यूनिट, शिशु दुग्ध आहार यूनिट, घी, डबल रोटी, तिलहन, भोजन, नाश्ता, प्रोटीन वीनिंग फूड, गैर शीरा, जल पैकेजिंग यूनिट स्थापित की जा सकती हैं.
केंद्र सरकार की सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग वित्तीय सहायता और कौशल प्रशिक्षण दे रहा है. किसानों की आय दोगुनी करने के लिये प्रदेश सरकार विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रही है.