UP By Election: यूपी उपचुनाव बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए बड़ा झटका, एक-एक वोट को तरसे BSP उम्मीदवार
मुरादाबाद: किसान की विरासत दर्ज करने के लिए लेखपाल ने दस हजार की रिश्वत मांगी. रिश्वत न देने पर दो साल तक चक्कर लगवाए. चार बार ऑनलाइन विरासत दर्ज करने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया. 25 सितंबर को पीड़ित पक्ष ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की. सीएम के संज्ञान लेने के बाद मामले में एसडीएम सदर ने जांच कराई. जांच के बाद दोषी मिलने पर लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया है.
दो हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप
मुरादाबाद के चिड़िया टोला लाइन पार निवासी राकेश सैनी ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की. तहसील सदर की ग्राम शाहपुर तिगरी में उनके ताऊ रामचंदर की जमीन है. राजस्व अभिलेखों में उनका नाम दर्ज है. उनकी मृत्यु 29 सितंबर 2020 को हो गई थी. विरासत दर्ज कराने के लिए उनके तहेरे भाई भरत सिंह ने ऑनलाइन आवेदन किया था. भरत सिंह के सिर में गंभीर चोट है. इसलिए वह घर पर ही रहता है. विरासत दर्ज कराने के लिए लेखपाल सुनील कुमार शर्मा को सभी साक्ष्य उपलब्ध कराए थे. इसके बावजूद विरासत दर्ज नहीं की गई. लेखपाल ने 10 हजार रुपये की मांग की तो राकेश ने दो हजार रुपये दे दिए, लेकिन लेखपाल पूरे रुपये मांगने पर अड़ा रहा.
Also Read: World Pharmacist Day: कोविड काल में फॉर्मासिस्टों ने दिखायी अपनी ताकत और सेवा भाव-डॉ. जीएन सिंह
विरासत दर्ज करने के लिए पांच बार की ऑनलाइन शिकायत
राकेश ने बताया कि विरासत दर्ज कराने के लिए उनके भाई भरत सिंह सैनी ने 10 जुलाई 2021, 10 अक्टूबर 2021, तीन जून 2022, 16 जून 23, 21 अगस्त 2023 को ऑनलाइन आवेदन किया. साक्षी उपलब्ध कराने के बावजूद लेखपाल ने निरस्त कर दिया गया. दो साल तक लेखपाल चक्कर लगवाता रहा. इस तरह विरासत दर्ज करने के लिए ऑनलाइन पांच बार शिकायत की गई थी. इस मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेकर एसडीएम से जांच कराई. जांच के बाद आरोपी लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया. लेखपाल सुनील शर्मा लेखपालसंघ के जिला अध्यक्ष भी है.