मायावती बोलीं- धार्मिक विवादों को छूट दे रही BJP सरकार, बसपा ऑफिस से हटाई गईं अंबेडकर-कांशीराम की मूर्तियां
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार पर बुनियादी सुविधाएं देने में नाकाम साबित होने का आरोप लगाया है. मायावती ने कहा कि अहम मुद्दों से ध्यान बांटने के लिए भाजपा धार्मिक उन्माद को बढ़ावा दे रही हैं.
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Lucknow: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूपी में सभी सियासी दल अपनी तैयारी तेज करने के साथ विरोधी दल की काट करने में जुट गए हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसी कड़ी में बुधवार को लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर उनसे रिपोर्ट ली और निर्देश दिए.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यूपी के करोड़ों लोगों के जीवन में जबरदस्त महंगाई, गरीबी बेरोजगारी, अशिक्षा, बिजली-पानी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की भाजपा सरकार लगातार अनदेखी कर रही है. इन कमियों से लोगों का ध्यान बांटने के लिए ही भाजपा की सरकारें जातिवादी, सांप्रदायिक व धार्मिक विवादों को जानबूझकर पूरी छूट दे रही हैं. इससे यूपी और देश की प्रगति प्रभावित हो रही है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा सरकारों को लव जिहाद, लैंड जिहाद, हिजाब, मदरसा, स्कूल-कॉलेज, बुलडोजर राजनीति, धार्मिक उन्माद, फैलाने वाले नफरत बयानों से बचना होगा. उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में यही हो रहा है.
मायावती ने कहा कि विकास पूरे प्रदेश का होना चाहिए न कि समाजवादी पार्टी की हुकूमत की तरह कुछ विशेष जिलों के खास क्षेत्रों का. उन्होंने कहा कि यूपी जनसंख्या के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है और इसीलिए देश के लिए यहां हर प्रकार की अमन, सुख-शान्ति व अच्छी कानून-व्यवस्था बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा कि हिरासत में हत्याएं तथा अपराधियों में खुलेआम टकराव व सनसनीखेज हत्याओं आदि ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है. इससे अपराध नियंत्रण के सरकारी दावों की पोल खुलती है. सपा सरकार की तरह वर्तमान सरकार में भी पुलिस व शासन-प्रशासन के बेलगाम होने से कानून का राज स्थापित नहीं हो सकता है.
बसपा दफ्तर से हटाई गईं मायावती, अंबेडकर व कांशीराम की मूर्तियां
इस बीच बसपा के प्रदेश कार्यालय पर लगी बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर, बसपा संस्थापक कांशीराम व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की तीनों प्रतिमाएं हटा दी गई हैं. यह प्रतिमाएं इसी से सटे मायावती के आवास में शिफ्ट की गई हैं. बसपा पदाधिकारियों के मुताबिक पार्टी कार्यालय पर जब बैठक होती है तभी लोग आते हैं जबकि आवास पर दिनभर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की आवाजाही लगी रहती है. इसलिए प्रतिमाओं को वहां लगाया गया है.