Taj Mahal case: ताजमहल को लेकर उठे विवाद मामले में अधिवक्ताओं के हड़ताल के चलते हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी.अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होने की सम्भावना है. बता दें कि इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष ताजमहल के 22 बंद कमरों की ASI से जांच कराने की याचिका दायर की गई है. एक याचिका दायर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई/ASI) को ताजमहल परिसर के अंदर 22 कमरों के दरवाजे खोलने का निर्देश देने की मांग की गई है.

इस याचिका को दायर करने के पीछे इसका मकसद यह बताया गया है क‍ि ‘ताजमहल के इतिहास’ से संबंधित कथित विवाद को आसानी से सुलझाया जा सके. यह याच‍िका अयोध्या में बीजेपी के मीडिया प्रभारी ने दाखिल की है. जानकारों के मुताबिक, भवन की चार मंज‍िला इमारत संगमरमर की बनी हुई है. मध्‍य में दो मंज‍िले हैं. इनमें 12 से 15 विशाल कक्ष हैं. इन चार मंज‍िलों के नीचे लाल पत्‍थरों से बनी दो और मंज‍िलें हैं जो क‍ि पिछले ह‍िस्‍से के नदी तट तक चली जाती हैं. नदी तट के भाग में संगमरमर की नींच के ठीक नीचे लाल पत्‍थरों वाले 22 कमरे हैं. इनके झरोखों को चुनवा द‍िया गया है.

Also Read: UP: सपा नेता आजम खान की जमानत पर फैसला आज, वक्फ बोर्ड की जमीन से जुड़े मामले में HC सुनाएगा फैसला

ASI की ओर से इसे तालों में जड़ दिया गया है. अंदेशा जताया जाता है क‍ि इन 22 कमरों में ह‍िंदू देवी-देवता से जुड़े सुबूत मौजूद हैं. इसी मसले के हल के लिए यह याचि‍का दायर की गई है. याचि‍काकर्ता रजनीश सिंह ने कहा क‍ि उन्‍होंने एक आरटीआई लगाकर 22 कमरों के बारे में जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में उन्‍हें बताया गया था क‍ि इन 22 कमरों को सुरक्षा के लिहाज से बंद करके रखा गया है. इसी के बाद उन्‍होंने इस याच‍िका को दायर क‍िया है ताक‍ि ताजमहल की वास्‍तव‍िकता को आसानी से समझा जा सके.